मदरसे में पढने आए दो मासूम भाईयों से कुकर्म के मामले में यहां एक मौलाना दोषी साबित हुआ है। सोमवार (१२ नवबंर, २०१८) को मामले की सुनवाई कर रही पोस्को एक्ट कोर्ट ने मौलाना को दोषी करार दिया है। उसे दस साल कैद की सजा मिली है। साथ ही पचास हजार रुपए का जुर्माना भी देने को कहा है। कोर्ट ने कहा कि जुर्माने से मिलनेवाली राशि में २०-२० हजार रुपए दोनों पीडितों को दिए जाएं।
मामले में पोस्को एक्ट कोर्ट के स्पेशल ऑफिसर रणवीर सिंह डागर ने बताया कि उत्तर प्रदेश के साहिबाबाद स्थित एक गांव में रहनेवाले एक शख्स के दो बेटे (९ और ७) इलाके के ही एक मदरसे में पढ रहे थे। आरोप है कि मदरसा के मौलाना नदीम ने दोनों भाईयों के साथ कई बार कुकर्म किया। जानकारी के अनुसार ९ जुलाई, २०१५ को भी मौलाना ने दोनों भाईयों को अपनी हवस का शिकार बनाया।
डागर के अनुसार मौलाना ने दोनों बच्चों को धमकी दी कि अगर किसी को कुछ बताया तो वह नाबालिगों और उनके परिवार के लोगों की हत्या कर देगा। इस बीच दो महीने के अंतराल में मिलनेवाली छुट्टी के दौरान बच्चों के पिता ७ अगस्त, २०१५ को उन्हें घर लेने पहुंचे। बच्चे जब घर पहुंचे तो उन्होंने सारी बात बताई।
परिजनों ने तुरंत साहिबाबाद थाना क्षेत्र आरोपी मौलाना के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। करीब तीन साल तक चली सुनवाई के बाद कोर्ट ने मौलाना को दोषी करार दिया है और उसे दस साल के कारावास की सजा सुनाई गई है !
स्त्रोत : जनसत्ता