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नेपाल एवं भारत पर थोपा गया वर्तमान का लोकतंत्र एक प्रकार की ‘सह-तानाशाही’ (Co-dictatorship) है ! – सदगुरु (डॉ.) चारुदत्त पिंगळेजी

हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सदगुरु (डॉ.) चारुदत्त पिंगळेजी की नेपाल यात्रा

सद्गुरु (डॉ.) चारुदत्त पिंगळेजी

काठमांडू : नेपाल के राष्ट्रीय जनता दल की शाखा राष्ट्रीय छात्र संघ के अध्यक्ष श्री. मनीषकुमार मिश्र ने हाल ही में हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सदगुरु (डॉ.) चारुदत्त पिंगळेजी से भेंट की। इस भेंट में हुए वार्तालाप में श्री. मिश्र ने नेपाल में हिन्दू धर्म की वर्तमान स्थिति एवं राजनीति के संदर्भ में अपना चिंतन रखा।

नेपाल एवं भारत पर थोपे गए वर्तमान लोकतंत्र के संदर्भ में सदगुरु (डॉ.) पिंगळेजी ने कहा कि, ‘वर्तमान का लोकतंत्र, लोकतंत्र तो नहीं, अपितु एक प्रकार की सह-तानाशाही है ! यहां कुछ लोक एकत्रित होकर जनता की भावनाआें का विचार न कर संविधान बनाकर अपने निर्णय जनता पर थोप देते हैं। ये लोक बहुसंख्यक समुदाय का विचार न कर अल्पसंख्यकों का तुष्टिकरण करते हैं। जिनके पास सत्ता होती है, वे लोग केवल अपना निजी स्वार्थ देखते हैं ! ऐसा इस लोकतंत्र का स्वरूप बन गया है !

हमें, ‘धर्मनिरपेक्षता एवं लोकतंत्र’ का पाठ पढ़ानेवाले इन देशों में आज भी ‘हाऊस ऑफ लॉर्ड्स’ एवं ‘हाऊस ऑफ कॉमन्स’ है और ईसाई धर्म उनके देश का आधिकारिक धर्म है ! तो उन्हें हमारा हिन्दू राष्ट्र क्यों नहीं पसंद आता ?, इस पर चिंतन आवश्यक है !’

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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