फाल्गुन कृष्ण १३, कलियुग वर्ष ५११४
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बार्इं ओरसे प..पू. स्वामी जमनादासजी महाराज (पेंâटा परिधान किए हुए ),प.पू.महामंडलेश्वर स्वामी श्री हरि चरणदासजी महाराज, प.पू. स्वामी श्री रामचंद्रदासजी महाराज, प.पू.महंत श्री गोपालदासजी महाराजके साथ हिंदू जनजागृति समितिके राष्ट्रीय मार्गदर्शक पू.(डॉ.) चारुदत्त पिंगळे
राजिम (छत्तीसगढ)-यहां २५ फरवरीसे १० मार्चकी कालावधिमें आयोजित कुंभमेलेमें सनातन संस्था एवं हिंदू जनजागृति समितिद्वारा संयुक्त रूपसे हिंदू राष्ट्र स्थापनाके उद्देश्यसे लगाई गई ग्रंथ तथा चित्र प्रदर्शनीमें भावनगर, गुजरातके संत प.पू. महामंडलेश्वर स्वामी श्री हरि चरण दासजी महाराज, प.पू.महंत श्री गोपालदासजी महाराज, प.पू.स्वामी श्री रामचंद्रदासजी महाराज; साथ ही हनुमान गढी, अयोध्याके संत प.पू. स्वामी जमनादासजी महाराजने आकर आशीर्वाद दिए ।
सनातनके साधक प्रदर्शनी देखने हेतु मार्गपर आनेजानेवाले हिंदुओंको आवाहन कर रहे थे । उस समय प.पू. महंत श्री गोपालदासजी महाराजने अपना वाहन रोककर प्रदर्शनी देखी । उस समय हिंदू जनजागृति समितिके राष्ट्रीय मार्गदर्शक पू.डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी उपस्थित थे ।
प.पू.महामंडलेश्वर स्वामी श्री हरि चरण दासजी महाराज : प्रदर्शनीमें प्रदर्शित किए गए विषय समाजको जागृत करनेवाले हैं । अच्छा प्रयास है ।
प.पू.महंत श्री गोपालदासजी महाराज : इस प्रकारका कार्य करनेवालोंको ही प्रताडित किया जाता है । जो अयोग्य आचरण करते हैं, उन्हें इसकी चिंता नहीं होती ।
प.पू.स्वामी जमनादासजी महाराज : मैं अत्यंत सादगीसे रहता हूं । संतके रूपमें मुझे अल्प लोग ही पहचानते हैं । आप जो कार्य कर रहे हैं, वह इसी प्रकार चलने दें, इसकी बहुत आवश्यकता है ।
प.पू.स्वामी श्री रामचंद्र दासजी महाराज : प्रदर्शनी देखकर आनंद हुआ । यह ज्ञात हुआ कि इस प्रकारका कार्य कोई कर रहा है । अब संपर्कमें रहेंगे ।
स्त्रोत – दैनिक सनातन प्रभात