राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलनों को हिन्दुआें का हस्ताक्षर अभियान के माध्यम से उत्स्फूर्त प्रतिसाद !
वणी (यवतमाळ)
चारा शिविरों को देवस्थानों का धन उपयोग में लाने का धर्मादाय आयुक्त का निर्णय तुरंत निरस्त किया जाए ! – श्री. लोभेश्वर टोंगे
वणी (यवतमाळ) : यहां के तहसिल चौक पर राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन के अंतर्गत आंदोलन किया गया। हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. लोभेश्वर टोंगे ने कहा कि ‘हिन्दुत्व’ को लेकर सत्ता में आई सरकार विविध सरकारी योजनाआें के नाम पर प्रतिदिन हिन्दूआें के मंदिरों में भक्तों एवं श्रद्धालुओंद्वारा अर्पित धन लूट रही है ! आज तक मंदिरों के सरकारी न्यासियोंद्वारा किए गए भ्रष्टाचार की जांच का केवल नाटक किया जा रहा है और मंदिरों का धन लूटनेवाले लोग खुलेआम घूम रहे हैं ! इन भ्रष्टाचारियों के विरोध में कोई कार्रवाई करना तो दूर; परंतु चारा शिविरों को मंदिरों का धन देने के संदर्भ में धर्मादाय आयुक्तद्वारा लिया गया निर्णय अत्यंत निंदनीय है ! अब सरकार को हिन्दुआें की सहनशीलता का अंत न देखते हुए धर्मादाय आयुक्त के इस निर्णय को तुरंत निरस्त किया जाए !
इस आंदोलन में सनातन संस्था एवं हिन्दू जनजागृति समिति के कार्यकर्ता, साथ ही शिवसेना के १० कार्यकर्ता उपस्थित थे।
यवतमाळ
यवतमाळ : हिन्दुत्वनिष्ठों की ओर से यहां के दत्त चौक पर विविध मांगों को लेकर राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन किया गया। इस अवसर पर ३०० से भी अधिक हिन्दुआें ने हस्ताक्षर अभियान के माध्यम से प्रतिसाद देते हुए आंदोलन में सहभाग लिया। आंदोलन का विषय सुनकर अनेक जिज्ञासु हस्ताक्षर करने के लिए आगे आ रहे थे। २६ नवंबर को जिलाधिकारी कार्यालय में शासन को उपर्युक्त मांगों का ज्ञापन प्रस्तुत किया गया।
इस आंदोलन में इस्कॉन संप्रदाय के श्री प्रसन्नदास महाराज, गुरुदेव सेवा मंडल के श्री. प्रभाकर डंभारे, श्रीराम नवमी उत्सव समिति के श्री. मनोज औदार्य, साथ ही सनातन संस्था के साधक एवं हिन्दू जनजागृति समिति के कार्यकर्ता सहभागी हुए थे।
आंदोलनपर पुलिस प्रशासन की दृष्टि !
पुलिस अधीक्षक कार्यालय के गुप्तचर शाखा के पुलिसकर्मियों ने आंदोलन की पूर्वसिद्धता के समय चित्रीकरण किया। आंदोलन के लिए ध्वनिक्षेपक यंत्रणा की अनुमति देते समय संबंधित पुलिस अधिकारीद्वारा समिति के कार्यकर्ता को धारा १४९ के अंतर्गत नोटिस दिया गया।
नागपुर
मंदिरों में अर्पित किये गए धन की लूट का निर्णय अत्यंत निंदनीय ! – श्री. विद्याधर जोशी
नागपुर : श्री. विद्याधर जोशी ने ऐसी मांग करते हुए कहा कि, धर्मनिरपेक्षता का ढिंढोरा पीटनेवाला शासन चारा शिविरों के लिए केवल मंदिरों के धन का उपयोग करने के स्थान पर चर्चों एवं मस्जिदों में जमा धन का उपयोग क्येां नहीं करता ? मंदिरों के धन की लूट का यह निर्णय अत्यंत निंदनीय है ! शासन को हिन्दुआें की सहनशीलता का अंत न देखते हुए चारा शिविरों के लिए मंदिरों के धन का उपयोग करने का धर्मादाय आयुक्तद्वारा लिया गया निर्णय तुरंत निरस्त किया जाए ! !संविधान चौक, नागपुर में २४ नवंबर को संपन्न राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन में वे ऐसा बोल रहे थे।
उन्होंने आगे कहा कि, हिन्दुत्व के नाम पर सत्ता में आया हुआ यह शासन विविध प्रशासनिक योजनाआें के नाम पर मंदिरों की संपत्ति लूट रहा है ! हिन्दुआें की मंदिरें शासन को दूध देनेवाली गाय लग रही है ! सामूहिक विवाह समारोह, सिंचाई योजनाएं, सूखा निवारण, मुख्यमंत्री सहायता निधि जैसी सरकारी योजनाएं एवं प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति की यात्राआें के व्यय हेतु मंदिरों के धन की मांग की जा रही है। हिन्दू भक्त एवं श्रद्धालु शासन चलाने के लिए मंदिरों में धन समर्पित नहीं करते !
तीनों आंदोलनोंद्वारा की गई मांगें
• सर्वोच्च न्यायालय ने केरल के शबरीमला मंदिर में सभी आयुवर्ग की महिलाआें को अनुमति देने का निर्णय दिया। इस निर्णय के पश्चात केरलसहित संपूर्ण भारतवर्ष में विविध हिन्दू संगठनोंद्वारा सहस्रों महिलाएं एवं पुरुषों ने बडी संख्या में निषेध फेरियां निकालकर सभी आयुवर्ग की महिलाआें के मंदिर प्रवेश के निर्णय का विरोध किया। केरल के पुलिस प्रशासन ने आंदोलन करनेवाले श्रद्धालुआें में से ३ सहस्र ५०० से भी अधिक श्रद्धालुआें को बंदी बनाकर उनके विरोध में प्राथमिकियां प्रविष्ट की हैं ! इन आंदोलन करनेवाले श्रद्धालुआें पर प्रविष्ट अपराध तुरंत वापस लिए जाए !
• शनिशिंगणापुर के मंदिर की धार्मिक परंपराआें की रक्षा करने के लिए एक कानून बनाया जाए !
• केरल की नन के साथ बलात्कार के प्रकरण में मुख्य साक्षकर्ता फादर कुरियाकोस की संदेहजनक मृत्यु की जांच हो एवं आरोपी बिशप फ्रैन्को मुलक्कल की प्रतिभूति निरस्त की जाए !
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात