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जन्मदिवस पर भूलकर भी फूंककर न बुझाएं केक पर लगी मोमबत्‍ती, जानें वजह . . .

केक पर लगनेवाली मोमबत्‍ती को मुंह से फूंकना सेहत के लिए होता है हानिकारक !

बर्थडे सेलिब्रेशन हो या फिर मैरिज एनिवर्सरी फेयरवेल पार्टी या और कोई भी खुशी का मौका हो अमूमन हम केक काटकर इसे सेलिब्रेट करते हैं लेकिन क्‍या आप जानते हैं कि केक पर लगाई जाने वाली कैंडिल को मुंह से फूंककर बुझाना हमारी स्वास्थ के लिए हानिकारक होता हैै ? ये सुनकर आप को दो पल के लिए थोडा अजीब लगा होगा कि आखिर कैंडिल बुझाने से स्वास्थ का क्‍या संबंध तो आइए हम आपको बताते  हैं . . .

दरअसल अमेरिका के शोधकर्ताओं के शोध के अनुसार मुंह से फूंककर मोमबत्‍तियां बुझाने से हमारे शरीर में बैक्‍टीरिया प्रवेश कर जाते हैं ! शोधकर्ताओं ने इस विषय पर अध्ययन किया और पाया कि केक पर लगे कैंडल को फूंककर बुझाने से केक की आइसिंग पर मौजूद बैक्टीरिया में १४००% की बढोतरी हो जाती है !

शोधकर्ताओं ने इस अध्‍ययन में कुछ लोगों को शामिल किया। इनमे एक फोइल पर केक की आइसिंग फैलाई और उस पर कैंडल जला दी। फिर शोध में शामिल लोगों से पिज्जा खाने को कहा गया और उसके बाद मोमबत्त‍ियां बुझाने को निर्देश दिया गया।

शोधकर्ताओं ने पाया कि मोमबत्ती फूंककर बुझाने के बाद आइसिंग पर पहले से मौजूद बैक्टीरिया में १४०० प्रतिशत की बढोतरी हो गर्इ है। लिहाजा शोधकताओं ने कहा कि जन्मदिन मनाएं पर मोमबत्ती फूंककर ना बुझाने के निर्देश्‍ा दिए हैं !

स्त्रोत : न्यूज 18


हिन्दू पद्धति अनुसार जन्मदिन कैसे मनाएं ? एवं इसके आध्यात्मिक लाभ क्या हैं ?

किसी का जन्मदिन हो, शादी की सालगिरह हो या फिर कोई और अवसर हो, रात के १२ बजे केक काटना आधुनिक फैशन बन गया है। घर के बच्चे हमेशा इस बात को लेकर उत्साहित रहते हैं कि, उन्हें अपने माता-पिता के लिए रात को बारह बजे केक काटना है, भाई-बहन का जन्मदिन रात के बारह बजे ही मनाना है। किंतु क्या आप जानते है, अंग्रेजी तिथि के अनुसार बर्थडे या सालिगरह मनाना किसी के लिए भी शुभ नहीं है। इसके पीछे कुछ ऐसे कारण है, जिनका सीधा संबंध हमारे शास्त्रों से है।

अधिक जानकारी हेतु : https://www.hindujagruti.org/hindi/hinduism/hinduism-practices/spiritual-birthday

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