अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद एक बार फिर सुर्खियों में बना हुआ है। राम मंदिर निर्माण को लेकर देश में लगातार हंगामा जारी है। संसद से सडक तक राजनीति गरमाई हुई है। वहीं इस विवाद के बीच देहली के उप मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया ने अयोध्या में राम मंदिर की जगह विश्वविद्यालय बनाने की वकालत की है।
यूनिवर्सिटी बनाने से आएगा रामराज्य
सिसोदिया ने कहा कि सही मायनों में राम राज्य शिक्षा से आएगा, न कि वहां भव्य मंदिर बनाकर। (आज देश में इतने विश्वविद्यालय है सिसोदिया जरा लोगों को बताए कि इतने विश्वविद्यालय के बावजुद अब तक रामराज्य क्यो नही आया ? – सम्पादक, हिन्दुजागृति) उन्होंने कहा कि हिन्दुओं और मुस्लिमों, दोनों समुदायों से पूछा जाए कि यदि वे तैयार हों तो वहां यूनिवर्सिटी का निर्माण किया जाए। वहां भारतीय हिन्दू, मुस्लिम, ईसाई लोगों के बच्चे ही नहीं विदेशों के बच्चे भी आकर साथ-साथ पढ सकेंगे। राम राज्य किसी मंदिर के बजाय शिक्षा के जरिए लाया जा सकता है।
शिक्षा से बदली जा सकती है सोच
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी हाल ही में मैं जापान गया था। वहां जिस दिन हाइड्रोजन से कार चलाने के नए सिस्टम पर चर्चा की जा रही थी, उसी दिन हमारे देश में ट्विटर पर हनुमान की जाति पर बहस हो रही थी। ये बेहद निराश करने वाला है, इसे सिर्फ शिक्षा से ही बदला जा सकता है। (सिसोदिया ने ये बात तो सही कही है कि देश शिक्षा से ही बदला जा सकता है तो, क्या अब तक के विश्वविद्यालयों में छात्रों को शिक्षा नहीं दी गर्इ ? या इस विद्यालयों के शिक्षा में वो बात नहीं जिससे देश को एक अच्छा नागरीक मिल सके, देश का विकास हो सके ? इससे आजकी शिक्षा पद्धती की दुरावस्था ध्यान में आती हैं ! – सम्पादक, हिन्दुजागृति)
भाजपा ने किया पलटवार
वहीं सिसोदिया की इस बयान की भाजपा ने कडी आलोचना की है। देहली भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा कि, अयोध्या में राम मंदिर बनाने का काम करोड़ों हिन्दुओं की आस्था से जुड़ा हुआ है, लेकिन आम आदमी पार्टी देहली के मुस्लिम मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए राम मंदिर बनाने का विरोध कर रही है। केजरीवाल खुद को अपनी मुस्लिम हितैषी छवि का दिखाना चाहते हैं और इसीलिए उनकी पार्टी अपने राजनीतिक स्वार्थ को साधने के लिए तुष्टिकरण की राजनीति कर रही है।
स्त्रोत : पंजाब केसरी