नई देहली में संपन्न राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन में हिन्दुत्वनिष्ठोंद्वारा मांग
नई देहली : शबरीमला मंदिर की धर्मपरंपराआें की रक्षा हेतु संसद में कानून बनाया जाए साथ ही आंदोलन करनेवाले भक्तों के विरोध में प्रविष्ट अपराध तत्काल निरस्त किए जाए ! हिन्दू जनजागृति समिति के हरियाना एवं पंजाब राज्यों के समन्वयक श्री. सुरेश मुंजाल ने यह मांग की। हाल ही में यहां के संसद मार्ग पर आयोजित राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन में वे बोल रहे थे।
श्री. मुंजाल ने आगे कहा, ‘‘सर्वोच्च न्यायालय ने केरल के शबरीमला मंदिर में सभी आयुवर्ग की महिलाआें को प्रवेश देने का निर्णय दिया है। सर्वोच्च न्यायालय के इस निर्णय के पश्चात केरल राज्य के तिरुवनंतपुरम्, कोल्लम्, अलाप्पुजा, पठानमथिट्टा, एर्नाकुलम् तथा पलक्कड में विविध हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनोंद्वारा सहस्रों महिलाएं और पुरुषों ने निषेधफेरियां निकाल कर सभी आयुवर्ग की महिलाआें के मंदिर प्रवेश का विरोध किया। केरल सरकार ने आंदोलन करनेवाले भक्तों में से ३ सहस्र से भी अधिक भक्तों को बंदी बनाकर उनके विरोध में अपराध प्रविष्ट किए। धर्मरक्षा हेतु वैधानिक पद्धति से आंदोलन करनेवाले भक्तों के विरोध में अपराध प्रविष्ट किए जाना तथा उन्हें बंदी बनाया जाना दुर्भाग्यजनक और निंदनीय है !’’
प्रखर हिन्दुत्वनिष्ठ तथा उद्योगपति श्री. सुभाष जिंदाल एवं विश्व हिन्दू परिषद के श्री. हरकेश चौहान ने भी आंदोलन को संबोधित किया।
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केरल की नन के साथ बलात्कार प्रकरण के प्रमुख साक्ष्यकर्ता फादर कुरियाकोस की संदेहजनक मृत्यु की जांच करें !
केरल की कोट्टयम के सिरो-मालाबार चर्च के बिशप फ्रेन्को मलक्कल ने ४४ वर्ष आयु की नन के साथ १३ बार बलात्कार के आरोप में पुलिस ने उन्हें बंदी बनाया था।
फ्रेन्को के विरोध में लगाए गए आरोप गंभीर होते हुए भी कुछ ही दिनों में उन्हें प्रतिभूति पर छोडा गया ! फ्रेन्को को प्रतिभूति मिलने के तुरंत पश्चात २२ अक्टूबर को सेंट मेरी चर्च में उनके विरोध में साक्ष देनेवाले फादर कुरियाकोस कट्टूथारा का शव संदेहजनक स्थिति में मिला था। फादर कुरियाकोस इस प्रकरण के मुख्य साक्ष्यकर्ता थे। नन बलात्कार प्रकरण के आरोपी बिशप फ्रेन्को मुलक्कल को मिली हुई प्रतिभूति निरस्त की जाए, साथ ही फादर कुरियाकोस की संदेहजनक मृत्यु की जांच हो, ऐसी मांग भी इस राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन में की गई !
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात