शिरडी देवस्थानद्वारा निळवंडे बांध के निर्माण के लिए ५०० करोड़ रुपए की धनराशि उपलब्ध कराए जाने का प्रकरण
देवस्थान के धन का उपयोग कर फडणवीस सरकार ने विपक्ष नेता राधाकृष्ण-विखे पाटिल के साथ राजनीतिक सांठगांठ करने का भी लगाया था आरोप !
मुंबई : शिरडी के साई संस्थानद्वारा राज्य सरकार को बिनाब्याज के ५०० करोड़ रुपए दिए जाने के समाचार प्रसारमाध्यमों में चाहे अभी प्रसारित हुए हो; परंतु २४ मई २०१८ को संपन्न पत्रकार परिषद में ही हिन्दू विधिज्ञ परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अधिवक्ता श्री. वीरेंद्र इचलकरंजीकर ने ऐसा होने के संदर्भ में एवं इसके पीछे राजनीतिक सांठगांठ होने की संभावना व्यक्त की थी !
हिन्दू जनजागृति समिति ने मुंबई मराठी पत्रकार संघ में ली गई पत्रकार परिषद में श्री साई संस्थानद्वारा नासिक सिंहस्थ कुंभपर्व के लिए सामग्री के प्रबंध में ६६ लाख रुपए के आर्थिक घोटाले का आरोप लगाया था। इस पत्रकार परिषद को संबोधित करते हुए अधिवक्ता श्री. वीरेंद्र इचलकरंजीकर ने निळवंडे बांध की नहरों के लाभक्षेत्र में शिरडी गांव अंतर्भूत न होते हुए भी श्री साईबाबा संस्थान न्यास धारा २००४ का उल्लंघन कर ५०० करोड़ रुपए की धनराशि बांध के निर्माण हेतु दी जा रही है, निळवंडे बांध भाजपा के राजनीतिक विरोधी एवं विधानसभा के विपक्ष कांग्रेसी नेता राधाकृष्ण विखे-पाटिल के कार्यसीमा में आता है। इसलिए इस बांध निर्माण के लिए संस्थान न्यास के नियमों का उल्लंघन कर और बिना किसी ब्याज से यह धनराशि आवंटित की जा रही है, ऐसा आरोप लगाया था।
शिरडी देवस्थान की ओर से पहली बार इस प्रकार से बहुत बडी एवं बिना किसी ब्याज से धनराशि दी जा रही है !
लोकसभा और विधानसभा चुनाव समीप आने के समय फडणवीस सरकार का यह निर्णय निश्चित रूप से अनदेखी करने योग्य नहीं है। यह निर्णय अधिवक्ता श्री. वीरेंद्र इचलकरंजीकरद्वारा लगाए आरोपों की पुष्टि करनेवाला है !
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात