विजयपुर (कर्नाटक) में हिन्दू अधिवेशन संपन्न !
विजयपुर : हिन्दू राष्ट्र स्थापना हेतु अनेक संगठन कार्यरत हैं; परंतु उनमें से कई संगठन किसी आध्यात्मिक गुरु के मार्गदर्शन में कार्य नहीं करते ! उससे उनके लक्ष्य में स्पष्टता नहीं होती। आध्यात्मिक गुरु के मार्गदर्शन से स्पष्टतापूर्ण लक्ष्य रखकर हिन्दू राष्ट्र स्थापना के प्रयास आवश्यक हैं। बागलकोट के हिन्दुत्वनिष्ठ डॉ. बाबू नायक ने ऐसा प्रतिपादित किया। २४ नवंबर को यहां के माहेश्वरी भवन में हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से आयोजित हिन्दू अधिवेशन में वे बोल रहे थे। इस २ दिवसीय हिन्दू अधिवेशन में विजयपुर, जमखंडी, महालिंगपुर, तालिकोट, निडगुंजी एवं बागलकोट से आए २५ से ३० हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों के कार्यकर्ता उपस्थित थे।
हिन्दू जनजागृति समिति का कार्य प्रशंसनीय ! – श्री. सिद्रामेश अरमनी
सेवानिवृत्त सेना अधिकारी श्री. सिद्रामेश अरमनी ने कहा, ‘‘हिन्दू जनजागृति समिति बहुत अच्छा कार्य कर रही है। हिन्दू राष्ट्र स्थापना के उद्देश्य से हिन्दू संगठन को आपस में जोडने का यह अच्छा प्रयास हो रहा है। उसके लिए मैं समिति का अभिनंदन करता हूं !’’
हिन्दू राष्ट्र स्थापना का कार्य निरंतर करते रहना आवश्यक ! – श्री. गुरुप्रसाद गौडा, कर्नाटक राज्य समन्वयक, हिन्दू जनजागृति समिति
आजकल हिन्दू धर्म एवं हिन्दुआें पर हो रहे आघात एवं अन्याय के विरोध में संगठितरूप से कार्य करना आवश्यक है। उसके लिए हिन्दू राष्ट्र स्थापना कार्य के लिए सभी हिन्दुआें को प्रतिदिन समय देना आवश्यक है। हिन्दू राष्ट्र स्थापना कार्य में सेवाभाव का होना आवश्यक है। हमें धर्म के पक्ष में खडे रहकर संघर्ष करना है !
गोरक्षा हेतु हमें संगठितरूप से प्रयास करने चाहिए ! – श्री. महेश कुंभार, स्वामी विवेकानंद युवा सेवा संघ, विजयपुर
गोमाता समस्त विश्व की माता है। गोमाता में ३३ करोड़ देवताआें का निवास है; इसलिए हमें गोमाता की रक्षा हेतु प्रतिबद्ध होना आवश्यक है। देवताआें का नित्य पूजन करनेवालों ने जिस गोमाता में सभी देवता विराजमान हैं, उस गोमाता की रक्षा नहीं की, तो इस नित्य पूजन का क्या अर्थ है ?
पडोसी राष्ट्र भारतमाता के टुकडे करने पर तुले हैं ! – श्री. काशिनाथ प्रभु, सनातन संस्था
विश्व की वर्तमान स्थिति देखी जाए, तो विश्व पर तिसरे महायुद्ध की छाया मंडरा रही है ! जिहादी आतंकी भारत पर किसी भी समय आक्रमण कर सकते हैं। पडोसी शत्रुराष्ट्र भारतमाता के टुकडे करनेपर तुले हैं ! भारत की आंतरिक एवं बाह्य सुरक्षा सशक्त नहीं है। उसके लिए हिन्दुआें को ईश्वर का स्मरण करते हुए धर्मरक्षा एवं राष्ट्ररक्षा के कार्य हेतु अधिकाधिक समय देना आवश्यक है। ऐसे संकटकाल में हमें ईश्वर का स्मरण कर उनकी कृपा के लिए पात्र होना आवश्यक है !
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात