शिर्डी संस्थान के ५०० करोड रुपए सरकार को देने के निर्णय को हिन्दू जनजागृति समिति का विरोध !
सुरेश हावरे देवस्थान के न्यासी हैं कि स्वामी (मालिक) ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात
मुंबई : शिर्डी के श्री साई संस्थान ट्रस्ट के अध्यक्ष सुरेश हावरे ने हाल ही में शासन को सिंचाई परियोजना के कार्यों के लिए ५०० करोड रुपए का ऋण दिया ! इस ऋण के लिए ना ब्याज, ना समयसीमा, ना कोई गैरंटी ! पहले ही ऋण के बोझ तले दबा राज्य, यह ऋण चुका दे, तो चमत्कार ही होगा ! व्यावहारिक दृष्टि से भी कोई इस प्रकार से ऋण नहीं देता। यह ऋण नहीं, ५०० करोड का दान ही हावरे ने शासन की झोली में डाला है ! शासन के संकेत पर श्री साई संस्थान ट्रस्ट के न्यासी बने हावरे को क्या ऐसा लगता है कि ट्रस्ट का धन उनका अपना है ? हावरे यह ध्यान में रखें कि वे न्यासी हैं, ट्रस्ट के स्वामी (मालिक) नहीं ! साईभक्तोंद्वारा श्री साईचरणों में अर्पण किया हुआ धन, हावरे ने किससे पूछकर शासन को ऋण के रूप में दिया ? ऐसा सीधा प्रश्न हिन्दू जनजागृति समिति के महाराष्ट्र एवं छत्तीसगढ राज्य संगठक श्री. सुनील घनवट ने किया। इसका उत्तर हावरे साईभक्तों को अवश्य दें, ऐसा भी श्री. घनवट ने कहा है !
मंदिर के न्यासी ‘भक्त’ न हों, तो देवनिधी किस प्रकार से लूट ली जाती है, इसका यह उत्तम उदाहरण है ! शासन को सिंचाई परियोजना के लिए यदि धन की आवश्यकता है, तो राज्य चलानेवाली भाजपा ६३०० करोड रुपयों के अपने धन (पार्टी फंड) का उपयोग क्यों नहीं करती ? पार्टी का पैसा पार्टी के लिए उपयोग करना चाहिए, यह समझ में आता है, तो फिर देवनिधी का उपयोग देवता के लिए करना चाहिए, यह कैसे समझ में नहीं आता ?
देवनिधी को लूटना महापाप है और इसका फल लूटनेवालों को भुगतना ही होगा ! सरकार ने अब तक अनेक बार हिन्दुओं के मंदिरों का धन लिया; परंतु एक बार भी वक्फ बोर्ड अथवा ईसाई संस्थाओं से एक पैसा भी लेने का कभी साहस नहीं किया, ऐसा क्यों ?
इसे भी पढ़ें :
आज तक हिन्दुओंद्वारा इतना विरोध करने पर भी हिन्दुओं के विरोध की अनदेखी कर हिन्दू मंदिरों को लूटा जा रहा है। इसलिए अब हिन्दू जनजागृति समिति ‘हिन्दू मंदिरों में पैसे अर्पण न कर, ‘मंदिर सरकारीकरण निरस्त करो, मंदिरों के धन का उपयोग धर्मकार्य के लिए करो !’ इस आशय की चिट्ठियां मंदिरों की अर्पण पेटियों में डालकर निषेध आंदोलन आरंभ करेगी, ऐसा भी श्री. घनवट ने कहा !
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात