हिन्दू जनजागृति समिति की सभा
दापोली (जिला रत्नागिरी, महाराष्ट्र) : हिन्दुओं को धर्मशिक्षा न मिलने से ही उनकेद्वारा धर्माचरण नहीं होता और उसीके कारण उनमें धर्म के प्रति जागरूकता भी नहीं होती ! इसके फलस्वरूप हिन्दू धर्म पर मंडरा रहे संकटों के प्रति अज्ञान है। वास्तव में हिन्दुओं को धर्मरक्षा हेतु संगठित होना चाहिए; परंतु उनमें इसके प्रति उदासीनता दिखाई देती है। गुरुकुल शिक्षाप्रणाली नष्ट होकर मेकॅलेप्रणीत अंग्रेजी शिक्षाप्रणाली अपनाने से हिन्दुओं की विचारधारा ही बदल गई है ! अंग्रेजी शिक्षाप्रणाली के कारण सर्वत्र भोगवाद बढा है और व्यक्ति स्वातंत्र्य को महत्त्व प्राप्त हुआ है। धर्मशिक्षा के अभाव में संस्कार नष्ट हो चुके हैं। आज हिन्दुओं के उत्सवों में अप्रिय घटनाएं बढी हैं और अनेक स्थानों पर हिन्दू देवताओं की अनादर हो रहा है। मंदिरों का सरकारीकरण होने से श्रद्धालुओंद्वारा श्रद्धापूर्वक अर्पित धन का दुरूपयोग हो रहा है। इन सभी घटनाओं को रोकना हो, तो हिन्दुओं ने धर्मशिक्षा लेकर धर्मरक्षा हेतु संगठित होना चाहिए !
धर्म ही ईश्वर हैं ! हमने धर्म की रक्षा की, तो हमें ईश्वर के आशीर्वाद प्राप्त होंगे ! अधिवक्ता (श्रीमती) अपर्णा कुलकर्णी ने ऐसा प्रतिपादित किया। हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से यहां आयोजित सभा में वे बोल रही थीं।
तहसिल के श्री सप्तेश्वर मंदिर, पंचनदी में २ दिसंबर २०१८ को इस सभा का आयोजन किया गया था। इस अवसर पर अधिवक्ता (श्रीमती) अपर्णा कुलकर्णी ने तिलक और कुंकुम लगाने का महत्त्व, तिथि के अनुसार ही जन्मदिन क्यों और कैसे मनाना चाहिए ? आदि विषयों पर मार्गदर्शन किया। ९० से भी अधिक धर्माभिमानियों ने इस सभा का लाभ उठाया।
क्षणिकाएं
१. सभा के आयोजन के लिए श्री. सुहास मोडक ने विशेष प्रयास किए, साथ ही श्री. सुनील वैशंपायन, श्री. संजय मालगुंडकर एवं श्री. वसंत मालगुंडकर ने भी सहयोग दिया।
२. १५ दिनों में एक बार धर्मशिक्षावर्ग की मांग की गई।
३. बोरिवली में ग्रामबैठक का नियोजन किया गया एवं इसके बैठक के नियोजन के लिए ग्रामवासियों ने ही प्रधानता ली है !
अभिप्राय
१. श्री. मकरंद मोडक, पंचनदी, दापोली : यह कार्यक्रम मुझे बहुत अच्छा लगा। इस धर्मकार्य के लिए हम यथाशक्ति धर्मजागृति का कार्य करते रहेंगे !
२. श्री. पांडुरंग रामचंद्र म्हातले, मु. अघारी, पो. पंचनदी : हिन्दू जनजागृति समिति एवं सनातन संस्थाद्वारा चलाया जा रहा हिन्दू राष्ट्र स्थापना कार्य बहुत अच्छा है, इसमें मैं भी संपूर्णरूप से सहभागी रहूंगा !
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात