भारतीय राजनयिकों ने एक बार फिर पाकिस्तान द्वारा उत्पीडन का दावा किया है। सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान में भारतीय अधिकारियों से दुर्व्यवहार की बात सामने आई है। पाकिस्तान में कई को गैस कनेक्शन नहीं दिए गए हैं। अचानक उनकी बिजली काट ली गई है। इसके अलावा इंटरनेट भी बंद कर दिया गया है। विदेश मंत्रालय ने कथित तौर पर अपने पाकिस्तानी समकक्ष के साथ इस मामले को उठाया है। सूत्रों ने यह भी दावा किया है कि भारतीय राजनयिकों के आने वाले मेहमानों को भी पाकिस्तान में कडी सुरक्षा का सामना करना पड रहा है। इस बीच, एक भारतीय अधिकारी ने यह भी बताया कि एक घुसपैठिए ने १० दिसंबर को उनके इस्लामाबाद के घर में घुसने की कोशिश की।
अप्रैल में भारत ने पाकिस्तान द्वारा अपने राजनयिकों को सिख श्रद्धालुओं से न मिलने देने पर कडा विरोध जताया था। दरअसल, पिछले दिनों पाकिस्तान ने तीर्थयात्रा पर आए सिख श्रद्धालुओं को वहां के प्रमुख गुरुद्वारा जाने और भारतीय राजनयिकों से मिलने से रोका था। इस मामले को लेकर विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा था कि लगभग १८०० सिख श्रद्धालुओं का एक समूह तीर्थाटन सुगमता संबंधी द्विपक्षीय संधि के तहत १२ अप्रैल को पाकिस्तान की यात्रा पर गया था। अधिकारियों को इन गुरुद्वारों में भारतीय सिख तीर्थयात्रियों से मिलने की अनुमति नहीं थी। सूत्रों ने कहा कि भारतीय अधिकारियों को न केवल प्रतिबंधित किया गया, बल्कि पाकिस्तानी सुरक्षा अधिकारियों द्वारा “अपमानित” भी किया गया। “बहुत बुरी और कठोर भाषा में बात की”। अधिकारियों को अप्रैल और जून में सिख तीर्थयात्रियों तक पहुंचने से भी मना कर दिया गया था।
दोनों देशों ने मार्च में घोषणा की थी कि वे राजनयिकों के उपचार के आसपास के सभी मुद्दों को पारस्परिक रूप से हल करने के लिए सहमत हुए हैं। एक संयुक्त बयान में, दोनों पक्ष “भारत और पाकिस्तान में राजनयिक/कांसुलर कर्मियों के उपचार के लिए १९९२ ‘कोड ऑफ कंडक्ट’ के अनुरूप, राजनयिकों और राजनयिक परिसरों के उपचार से संबंधित मामलों को हल करने के लिए सहमत हुए।”
स्त्रोत : जनसत्ता