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सबरीमाला : भारी विरोध के बीच बिना दर्शन महिलाएं वापस लौटने को मजबूर

सबरीमाला मंदिर की सैकडो वर्षों की परंपरा को अबाधित रखने हेतु संगठित प्रयास करनेवाले सभी अय्यप्पा भक्तों का अभिनंदन । भारत के अन्य क्षेत्रो के हिन्दुआें को इनसे सिखना चाहिए की धर्मरक्षा हेतु किस प्रकार प्रयास करने चाहिए । – संपादक, हिन्दुजागृति

तिरुवनंतपुरम : केरल के सबरीमाला मंदिर से एक बार फिर प्रतिबंधित आयु वर्ग (१०-५०वर्ष)  की महिलाओं को बिना दर्शन के लौटने पर मजबूर होना पड़ा। चेन्नै स्थित संगठन मनिथि की तरफ से यहां दर्शन के लिए पहुंचीं ११ महिलाओं को अयप्पा के भक्तों के कड़े विरोध के बाद वापस लौटना पड़ा। कडी सुरक्षा के बीच पुलिस की टीम के साथ यह महिलाएं पंपा बेस कैंप से लौट गईं। इस दौरान पुलिस ने दो दर्जन प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया।

बता दें कि रविवार सुबह संगठन से जुडी इन ११ महिलाओं के यहां पंबा बेस कैंप पहुंचने के बाद से ही अयप्पा भक्तों ने उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। भक्तों द्वारा पहाडी पर चढ़ने से रोकने और विरोध के बाद इन महिलाओं को पंबा से मदुरै के लिए वापस जाने को बाध्य होना पडा। इस दौरान कुछ महिलाओं ने पुलिस पर भी सुरक्षा नहीं देने का आरोप लगाया।

महिलाओं के जत्थे का नेतृत्व कर रहीं सेल्वी ने कहा, ‘हम लोग यहां सुबह ३.३० बजे ही पहुंच गए। पुलिस की तरफ से हमें सुरक्षा का आश्वासन मिला था। पर, अब हमें मंदिर की तरफ जाने के लिए सुरक्षा नहीं दी जा रही है।’

उधर, तनाव की स्थिति को देखते हुए पथानामथिट्टा जिले में धारा १४४ को अब २७ दिसंबर तक के लिए बढा दी गई है। किसी भी तरह की आशंका को देखते हुए बड़ी संख्या में पुलिसबल की तैनाती की गई है। बता दें कि केरल में वार्षिक मंडला पूजा के आयोजन से पहले यहां भगवान अयप्पा मंदिर में भारी भीड़ देखी जा रही है। शुक्रवार को एक लाख से अधिक श्रद्धालु पहाड़ी मंदिर पहुंचे। हाल के दिनों में सबरीमला मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ इसलिए भी बढ़ी है क्योंकि पुलिस ने कुछ पाबंदियों में ढील दी है लेकिन निषेधाज्ञा अभी भी लागू है।

उधर, चेन्नै स्थित संगठन मनिथि की तरफ से करीब ३० महिलाओं के ग्रुप ने पिछले दिनों मंदिर में दर्शन को लेकर चुनौती दी थी। महिलाओं के इस ग्रुप के यहां पहुंचने से पहले ही तनाव की स्थिति देखने को मिली। रविवार सुबह कोट्टायम रेलवे स्टेशन के बाहर अयप्पा के भक्तों ने इन महिलाओं के खिलाफ नारेबाजी की।

२७ दिसंबर को मंडला पूजा

उधर, मंदिर में प्रवेश के लिए महिलाओं का एक जत्था रविवार को पंपा बेस कैंप पहुंच गया। यहां विरोध के बीच महिलाओं ने प्रवेश के लिए अपील की। महिलाओं ने कहा, ‘हमें रास्ता दीजिए, हम मंदिर जाएंगे और जल्दी ही वापस लौट आएंगे।’ बता दें कि ४१ दिवसीय व्रत के समापन की प्रतीक मंडला पूजा भगवान अय्यप्पा मंदिर में २७ दिसंबर को होगी।

संदर्भ : नवभारत टाइम्स

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