चीन में उइगर मुस्लिमों पर अत्याचार के बाद अब ईसाइयों पर पाबंदी लगाने की खबर सामने आई है। न्यूयॉर्क टाइम्स में छपी एक खबर के मुताबिक चीन में क्रिसमस पर चेंगदू के प्रमुख चर्च को बंद कर दिया गया है। चीन की इस हरकत के बाद चीन में रह रहे ईसाइयों ने भी मोर्चा खोल दिया है। ईसाई समुदाय के लोगों ने जागरूक करने का फैसला किया है। चर्च के कुछ सदस्यों की तरफ से संदेश दिया जा रहा है कि अधिकारियों के दमन के कारण हम अपने धर्म से पीछे नहीं हटेंगे।
गु बाओलुओ कई महीनों से चीन के सबसे अच्छे माने जाने वाले प्रोटेस्टेंट चर्च में क्रिसमस सेलिब्रेशन का इंतजार कर रहे थे। लेकिन दिसंबर की शुरुआत में पुलिस ने उस प्रार्थना स्थल को बंद कर दिया। क्रिश्चन ऐक्टिविस्ट ने इसे ईसाई समुदाय पर एक दशक का सबसे बड़ा हमला बता रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार पुलिस ने बाइबल को जब्त कर लिया है। चर्च द्वारा चलाए जा रहे स्कूल को बंद कर दिया है और तोड़फोड़ के लिए उकसाने के आरोप में अर्ली रेन के पादरी को हिरासत में लिया है।
इन आरोपों में उन्हें कम से कम ५ साल कैद की सजा सुनाई जा सकती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग इस बात से चिंतित हैं कि स्वतंत्र पूजा सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी के लिए देश में प्रभुत्व को लेकर संकट पैदा कर सकती है। ऐसे में पार्टी ने ईसाई धर्म को पार्टी के नियंत्रण में लाने की मांग की है। चीन की सरकार ने इस साल ही बाइबल की ऑनलाइन बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया था। चर्चों को तोड़ा और करीब आधे दर्जन से ज्यादा प्रार्थना स्थलों को बंद करा दिया है।
उइगर मुस्लिमों के धार्मिक अधिकार भी छीने
शिनजियांग वर्ष १९४९ में पूर्वी तुर्किस्तान के नाम से आजाद देश घोषित किया गया था, लेकिन उसी साल चीन ने इस पर कब्जा कर लिया। उइगर मुस्लिम शिनजियांग को चीन के कब्जे को अवैध बताकर इसे दोबारा आजाद घोषित कराने की मुहिम चला रहे हैं। चीन ने इस राज्य को स्वायत्त दर्जा दे रखा है, लेकिन प्रशासन पर चीनी कब्जा ही है। पिछले कुछ सालों में चीन ने यहां पर अपने बहुसंख्यक हान समुदाय को बसाकर क्षेत्रीय जनसांख्यिकीय घनत्व को बदलने के प्रयास जारी कर रखे हैं, जिसके कारण उइगर मुस्लिमों के साथ उनकी हिंसात्मक झड़पें होती रहती हैं।
उइगर मुस्लिमों के धार्मिक अधिकार भी छीने
२०१४ में शिनजियांग की सरकार ने रमजान के महीने में मुस्लिम कर्मचारियों के रोजा रखने और मुस्लिम नागरिकों के दाढ़ी बढ़ाने पर पाबंदी लगा दी थी। २०१४ में ही राष्ट्रपति जिनपिंग के आदेश पर यहां की कई मस्जिदें और मदसों के भवन ढहा दिए गए। इसके अलावा भी तमाम प्रतिबंध इन पर लगे हुए हैं।
कश्मीर पर भी पड रहा है प्रभाव
उइगर मुस्लिमों के दमन का प्रभाव पाक कब्जे वाले कश्मीर पर भी पड़ रहा है। शिनजियांग क्षेत्र से लगे गिलगित-बाल्टिस्तान क्षेत्र के कश्मीरी मुस्लिमों के सदियों से उइगर मुस्लिमों के साथ वैवाहिक संबंध रहे हैं, लेकिन पिछले कुछ साल से पाकिस्तानियों से शादी करने वाली उइगर महिलाएं अपने मायके जाने पर कभी वापस नहीं लौट सकी हैं। आरोप है कि चीनी अधिकारियों ने पाकिस्तानी आतंकियों के उइगर उग्रवादियों से संपर्क बढ़ाने का जरिया मानकर इन महिलाओं को कैद कर लिया है।
उइगर मुस्लिमों पर एक नजर
१ करोड से ज्यादा तुर्की मूल के उइगर मुस्लिम हैं शिनजियांग राज्य में रहते है । ८ देशों की सीमा से सटा शिनजियांग चीन के पश्चिम में सबसे बडा राज्य है ।
संदर्भ : अमर उजाला