गोमाता हेतु लडनेवाले एवं छत्तीसगढ राज्यमें गोहत्या प्रतिबंधक कानून लागू करवानेवाले संत पू.श्री बालयोगेश्वर श्रीराम बालकदासजी महाराज !
गोरक्षा एवं गोसेवाके विषयमें कहते हुए उन्होंने कहा कि
१. राजिम कुंभ संतोंका मंच है; राजनीतिके लिए कोई भी उसका उपयोग न करे ।
२. सरकार २ रुपए प्रतिकिलोके भावसे गेंहूं-चावलका वितरण करती है । मेरी सरकारसे यह मांग है कि, इसी भावसे गोमाताके लिए चारा तथा चारेके लिए स्थान भी उपलब्ध करवाए ।
३. संतोंको आवाहन करते हुए उन्होंने कहा कि गोसंवर्धनके लिए हम सबने क्या किया है अथवा करेंगे, इस विषयपर भी चर्चा करते हैं; क्योंकि इस विषयमें चर्चा बहुत हो चुकी है, अब प्रत्यक्ष कृतिके विषयमें भी बताएंगे ।
४. पू. महाराजने मंचपर ही सर्व संतोंको आवाहन किया कि, संत कुंभमेलेमें अपने निवासस्थानपर ही न बैठें, अपितु तो अन्य संतोंसे मिलें, विचारोंका आदान-प्रदान करें, तो ही इस राजिम कुंभमेलेका उद्देश्य सफल होगा ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात