वेद को बढावा देनेवाला प्रशंसनीय निर्णय !
नई देहली – भारतीय वैदिक ज्ञान परंपरा को लोकप्रिय बनाने को लेकर सरकार ने एक बडी पहल की है। इसके अंतर्गत कोई भी छात्र अब दसवीं और बारहवीं की पढाई कला, विज्ञान और वाणिज्य संकाय (स्ट्रीम) की तर्ज पर ‘वेद’ संकाय में भी कर सकेगा। फिलहाल इस कोर्स को शुरू कर दिया गया है। इसके सभी विषय संस्कृत भाषा और वेद से जुडे है। हालांकि इस माध्यम में अभी सिर्फ दसवीं में ही प्रवेश दिया जा रहा है, किंतु जल्द ही बारहवीं का भी कोर्स शुरु करने की तैयारी है।
वैदिक ज्ञान को बढावा देने की यह पहल मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ऑनलाइन पढ़ाई करने वाली संस्था राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (एनआईओएस) ने की है। एनआईओएस ने वेदों से जुड़े इस खास संकाय को ‘भारतीय ज्ञान परंपरा’ नाम दिया है, इसके लिए खासतौर पर पांच विषय तैयार किए गए है। इनमें भाषा के रुप में संस्कृत को रखा गया है, जबकि अन्य चार विषयों में भारतीय दर्शन, वेद अध्ययन, संस्कृत व्याकरण और संस्कृत साहित्य होंगे। जिसमें छात्रों को अष्टाध्यायी से लेकर वेद मंत्रों को भी शामिल किया गया है। यह पूरा कोर्स आनलाइन होगा।
एनआईओएस अध्यक्ष डा. सीबी शर्मा के अनुसार, कोर्स को लेकर संस्थान लंबे समय से काम कर रहा था। इसे लेकर देश भर के प्रमुख वेद विद्यालयों से संपर्क भी किया गया। साथ ही वहां पढाई जाने वाली विषय वस्तु से जुड़ी जानकारी को जुटाई गई। यह कोर्स छात्रों के लिए उच्च शिक्षा का मार्ग भी प्रशस्त करेगा।
खासबात यह है कि मौजूदा समय में स्कूली शिक्षा में ऐसा कोई कोर्स नहीं था, जिसके कोई भी वेद और भारतीय वैदिक परंपरा से भी जुड़ सकें। इसके लिए उन्हें अभी सिर्फ वेद विद्यालयों का ही सहारा लेना पड़ता है।
मॉरीशस और फिजी जैसे देशों ने दिखाई रुचि
वेद को बढावा देने को लेकर शुरू किए गए १०वीं और १२ वीं के इन आनलाइन कोर्स को लेकर भारतीय संस्कृति से नजदीकी जुडाव रखने वाले कई देशों ने रुचि दिखाई है। इनमें मारीशस, फिजी, त्रिनिदाद और टोबैको जैसे देश शामिल है। फिलहाल इन देशों ने एनआईओएस से अपने यहां भी इन कोर्सो को संचालित करने और केंद्र खोलने का मांग की है।
स्त्रोत : जागरण