कुंभपर्व की कालावधि में रेल टिकटोंपर अधिभार लगाए जाने का प्रकरण
हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों ने राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन के माध्यम से अधिभार निरस्त करने की थी मांग !
हिन्दुओं, इस सफलता के लिए ईश्वर के चरणों में कृतज्ञता व्यक्त करें और इससे हिन्दू संगठन का महत्त्व जान लें !
प्रयागराज (उत्तर प्रदेश) : यहां शीघ्र ही प्रारंभ होनेवाले कुंभपर्व की पार्श्वभूमि पर केंद्रीय रेल मंत्रालय ने श्रद्धालुओं के रेल टिकटों पर लगाया हुआ अधिभार निरस्त किया है ! मंत्रालय की ओर से हाल ही में हिन्दू जनजागृति समिति को इस आशय का पत्र प्राप्त हुआ है !
अक्टूबर २०१८ में उत्तर प्रदेश के कुछ जिलो में हिन्दू जनजागृति समिति के नेतृत्व में विविध हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों ने राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन के अंतर्गत रेल टिकट पर लगाए गए अधिभार को निरस्त करने की जोरदार मांग की थी। इसके साथ ही हिन्दू जनजागृति समिति ने रेल मंत्रालय एवं विविध स्थानों के सरकारी अधिकारियों को इस आशय के ज्ञापन भी प्रस्तुत किये थे। इन आंदोलनों का संज्ञान लेकर मंत्रालय ने हिन्दू जनजागृति समिति को इस अधिभार को निरस्त किए जाने के संदर्भ में सूचित किया है !
हिन्दुत्वनिष्ठ संघठनोंद्वारा अक्टूबर २०१८ में रेल मंत्रालय को प्रस्तुत किये गए ज्ञापनों में विद्यमान सूत्र . . .
१. प्रयागराज, उत्तर प्रदेश में १४ जनवरी २०१९ से आरंभ हो रहे कुंभपर्व हेतु रेल से आनेवाले श्रद्धालुओं पर रेल मंत्रालय ने अतिरिक्त अधिभार लगाने का निर्णय लिया है। इसके अंतर्गत सर्वसामान्य (जनरल) एवं स्लिपर क्लास (शयनयान श्रेणी) के डिब्बों से यात्रा करनेवाले यात्रियों पर प्रतिटिकट १० रुपए, थ्री टायर एसी के लिए २० रुपए, टू टायर एसी के लिए ३० रुपए एवं फर्स्ट एसी के लिए ४० रुपए अधिभार लगाया जानेवाला है !
२. इस निर्णय का अर्थ जानबूझकर केवल हिन्दुओं की यात्रा पर ही बंधन लगाने का यह कृत्य है एवं यह क्षोभजनक भी है ! जहां करोडों श्रद्धालु एकत्रित होते हैं, वह कुंभपर्व विश्व का सबसे बडा धार्मिक कार्यक्रम है। अतः इस पर्व के लिए श्रद्धालुओं को सुविधाएं देना तो दूर; परंतु सरकार बडी संख्या में आनेवाले हिन्दुओं पर अधिभार लगाती है !
३. अन्य धर्मियों के धार्मिक यात्राओं पर अधिभार लगाना तो दूर; परंतु उल्टे सरकार से उन्हें विविध सुविधाएं दी जाती हैं। इसके कारण हिन्दुओं को उनके अपने ही देश में किसी गुलाम की भांति तीर्थयात्राएं करनी पड रही हैं ! उनपर अनेक बंधन डाले जा रहे हैं !
४. रेल प्रशासन का रेल टिकटों पर अधिभार लगाने का यह निर्णय अत्यंत अन्यायजनक, भेदभाव करनेवाला, साथ ही हिन्दुओं की धार्मिक भावनाओं को आहत करनेवाला है। इस निर्णय के कारण हिन्दुओं में अस्वस्थता है !
५. धर्मनिरपेक्ष राजतंत्र में सभी धर्मों को समान न्याय मिलना अपेक्षित है; परंतु हिन्दुओं के संदर्भ में ऐसा नहीं दिखाई देता। अतः रेल मंत्रालय कुंभपर्व के लिए आनेवाले श्रद्धालुओं के रेलटिकट पर लगाए गए अधिभार को तुरंत निरस्त करें !