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नामफेरियां, सामूहिक रामनाम का जाप, ज्ञापन, हस्ताक्षर अभियान के द्वारा सहस्रों रामभक्तों की राम मंदिर निर्माण हेतु अध्यादेश लाने की मांग !

भव्य राममंदिर निर्माण का संकल्प लेने हेतु हिन्दू जनजागृति समितिद्वारा किए गए आवाहन को देश के ६ राज्यों के १० सहस्र से भी अधिक धर्मनिष्ठ एवं रामभक्तों का अभुतपूर्व प्रतिसाद !

• उत्तर प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा, कर्नाटक एवं तमिलनाडू इन ६ राज्यों में यह अभियान चलाया गया !
• २५० स्थानोंपर सामूहिक नामजप के उपक्रम लिए गए !
• ५ स्थानोंपर नामफेरियों का आयोजन किया गया !
• १० स्थानोंपर आंदोलन आदि अभियान चलाए गए !
• ६ राज्यों में कुल मिलाकर २६५ स्थानोंपर अभियान चलाया गया !
• १० सहस्र से भी अधिक धर्मप्रेमी हिन्दू, श्रीरामभक्त एवं विविध हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों के कार्यकर्ताओं ने उत्साह के साथ इन अभियानों में सहभाग लिया !

करोडों हिन्दुओं का आस्था का केंद्र अयोध्यानगरी प्रभु श्रीराम की जन्मभूमि है, यह एक ऐतिहासिक सत्य है ! हिन्दुओं के धर्मग्रंथों में इसके अनेक प्रमाण हैं। विविध प्राचीन तीर्थस्थल इसके साक्षी हैं। न्यायालय में पुरातत्त्वीय प्रमाणों के आधार पर यह पुनः सिद्ध हुआ और वर्ष २०१० में इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने इस प्रकरण में ‘श्रीरामजन्मभूमि श्रीराम की ही भूमि है’, इस पर मुहर लगाई; परंतु ऐसा होते हुए भी विगत ८ वर्षों से यह विवाद सर्वोच्च न्यायालय में प्रलंबित है !

अतः हिन्दू जनजागृति समिति ने संपूर्ण देश के श्रद्धालुओं एवं श्रीरामभक्तों को राममंदिर के निर्माण में उत्पन्न बाधाएं दूर होने हेतु प्रभु श्रीराम से ही मन्नत मांगने का आवाहन किया ! पुरे देश के रामभक्तों ने इस आवाहन को उत्स्फूर्त प्रतिसाद दिया। इसमें प्रमुखता से नामफेरियां, सामूहिक रामनामजाप, ज्ञापनें, आंदोलनें, फलकप्रसिद्धि एवं हस्ताक्षर अभियान के द्वारा सहस्रों रामभक्तों ने उत्स्फूर्त सहभाग लेकर राममंदिर के लिए अध्यादेश लाने की तीव्रता से मांग की !

श्रीराम का चित्र लेकर एवं श्रीराम का स्मरण करते हुए गूंज उठी नामफेरियां !

महाराष्ट्र राज्य के कोल्हापुर, पनवेल, नालासोपारा, कल्याण एवं बीड इन ५ नगरों में श्रीराम का चित्र लेकर फेरियां निकाली गईं। इन फेरियों में श्रीराम का सामूहिक नामजप किया जा रहा था। विविध मार्गों से जाकर समापन के समय सहभागी हिन्दुत्वनिष्ठ एवं श्रीरामभक्तों ने अपने मनोगत व्यक्त किये। इन फेरियों के माध्यम से नागरिकों में जागृति लाई गई। अनेक नामफेरियों में संतों की भी वंदनीय उपस्थिति रही ! नामजप के कारण लोग पुनः एक बार नामजप के लिए प्रेरित तो हो ही गए, साथ ही वातावरण भी सात्त्विक बन गया ! सैकडों की संख्या में शांति से नामजप करनेवाली ये फेरियां तो मानो श्रीविठ्ठल से भेंट करने जा रहे वारकरी ही लग रहे थे !

बिना ईश्‍वरीय अधिष्ठान के सफलता नहीं !

अभीतक राममंदिर निर्माण हेतु हर व्यक्ति ने अपनी क्षमता के अनुरूप प्रयास किए; परंतु उसे सफलता क्यों नहीं मिली, इसके मूलतक कोई नहीं गया ! समर्थ रामदासस्वामी ने ऐसा कहा ही है कि –

सामर्थ्य है संघर्ष का । जो जो करेगा उसीका । परंतु वहां अधिष्ठान चाहिये, भगवान का ॥
।। जय जय रघुवीर समर्थ ।।

‘सामर्थ्य आहे चळवळेचें । जो जो करील तयाचें । परंतु येथें भगवंताचें । अधिष्ठान पाहिजे ॥’

(मूल मराठी श्लोक)

इसके अनुसार किसी भी आंदोलन सफल होने हेतु केवल आंदोलन उपयोगी नहीं होता, तो उसके लिए ईश्‍वरीय अधिष्ठान अनिवार्य है ! इसके अनुसार यदि राममंदिर निर्माण करना हो, तो इस निर्माण के पीछे आध्यात्मिक अधिष्ठान का होना आवश्यक है। इस अधिष्ठान का महत्त्व ध्यान में लेते हुए हिन्दू जनजागृति समिति ने विविध स्थानों पर हिन्दुओं को रामनाम जापयज्ञ का आवाहन किया। इस संदर्भ में स्वातंत्र्यवीर सावरकरजी का एक महत्त्वपूर्ण वक्तव्य है। उन्होंने कहा था, ‘‘स्वतंत्रता प्राप्त होने हेतु जो लोग प्रत्यक्षरूप से प्रयास कर रहे हैं, उतना ही महत्त्व स्वतंत्रता हेतु घर पर बैठे हिन्दुओंद्वारा की गई प्रार्थनाओं का भी है !’’ इस वचन के अनुसार विविध स्थानों पर प्रभु श्रीराम से प्रार्थनाएं की गईं। वो इस प्रकार हैं – ‘राममंदिर निर्माण में उत्पन्न विविध बाधाएं दूर हों, सरकार के मंत्रियों को राममंदिर निर्माण हेतु अध्यादेश लाने के लिए बल मिले एवं न्यायालय में संबंधित न्यायाधीशों को इस प्रकरण में शीघ्रता से निर्णय लेना संभव हो !’

कुंभनगरी प्रयागराज में रामनाम का संकीर्तन !

प्रयागराज के संकटमोचन हनुमान मंदिर के पास आंदोलन करनेवाले हिन्दुत्वनिष्ठ कार्यकर्ता एवं साधु

अयोध्या में भव्य राममंदिर के निर्माण हेतु कुंभनगरी प्रयागराज में सुप्रसिद्ध संकटमोचन श्री हनुमान मंदिर के पास हिन्दू जनजागृति समिति ने साधु-संत एवं हिन्दुत्वनिष्ठों की प्रमुख उपस्थिति में रामनाम का संकीर्तन किया। इस समय हिन्दू जनजागृति समिति के उत्तर प्रदेश एवं बिहार राज्यों के समन्वयक श्री. विश्‍वनाथ कुलकर्णी ने कहा, ‘‘हम राममंदिर निर्माण हेतु इस नामसंकीर्तन में बडी संख्या में सहभागी होकर आध्यात्मिक बल देंगे !’’ इस अवसर पर ज्योतिषी एवं आचार्य शिवदत्त पांडे, सनातन संस्था के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. चेतन राजहंस, संकटमोचन हनुमान मंदिर के पुजारी श्री. शिवशंकर पांडे, समिति के मध्य प्रदेश एवं राजस्थान राज्यों के समन्वयक श्री. आनंद जाखोटिया एवं समिति के कार्यकर्ता उपस्थित थे। इस कार्यक्रम में राष्ट्र-धर्म का कार्य करनेवाली सनातन संस्था एवं हिन्दू जनजागृति समितिद्वारा प्रकाशित हस्तपत्रिकाओं का वितरण किया गया।

क्षणिकाएं

१. साधु-संतों ने समिति के कार्य को शुभकामनाएं दीं !

२. तीर्थराज प्रयाग में आए श्रद्धालुओं ने भी इस नामसंकीर्तन में सहभाग लिया !

३. संतों की आवाज में ध्वनिमुद्रित किये गए नामजप को सुनकर श्रद्धालु आंदोलन की ओर आकर्षित हुए !

४. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हाथों मंदिर के पास स्थित अतिप्राचीन अक्षयवट एवं सरस्वतीकूप को श्रद्धालुओं को खुला करने का कार्यक्रम था। इस कार्यक्रम को कडी सुरक्षा व्यवस्था होते हुए भी समिति का यह कार्यक्रम निर्विघ्नरूप से संपन्न हुआ !

चेन्नई के एक विशेष सत्संग में रामनाम का गजर !

चेन्नई : पट्टालम्, चेन्नई के श्री अंजनेय मंदिर में १० जनवरी २०१९ को हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से आयोजित एक विशेष सत्संग में रामनाम का गजर किया गया। इस विशेष सत्संग का प्रारंभ प्रार्थना से किया गया। हिन्दू जनजागृति समिति की श्रीमती सुगंधी जयकुमार ने रामनाम के गजर का उद्देश्य स्पष्ट किया। तत्पश्‍चात उपस्थित धर्मप्रेमियों ने २० मिनट तक रामनाम का जाप किया। इस समय सनातन संस्था की संत पू. (श्रीमती) उमा रविचंद्रनजी ने भावप्रयोग लिया और उसके पश्‍चात रामनामजाप का महत्त्व विशद किया। इस समय उपस्थित धर्मप्रेमियों ने प्रभु श्रीराम, श्री लक्ष्मीदेवी एवं श्री अंजनेय (श्री हनुमान) के भजन गाए।

इस अवसर पर तमिलनाडू शिवसेना के अध्यक्ष श्री. राधाकृष्णन् एवं श्री पद्मनाभन्, भारत हिन्दू मुन्नानी के श्री. प्रभु, हिन्दू मक्कल मुन्नानी के श्री. नारायण, अखिल भारत हिन्दू सत्य सेना के श्री. रामाभूपति एवं गडदारा स्वामीगल के श्री हरिसमेत ३५ श्रद्धालु उपस्थित थे।

श्रीमती कल्पना बालाजी एवं श्रीमती सुधा बालकृष्णन् ने ग्रंथप्रदर्शनी कक्ष पर सेवा की। श्रीमती भुवनेश्‍वरी ने प्रसाद का वितरण किया। सर्वश्री मणिकंदन, जयकुमार एवं रविचंद्रन ने छायाचित्र लेने की सेवा की।

महाराष्ट्र राज्य में चलाए गए अभियानों के संदर्भ में प्राप्त वैशिष्ट्यपूर्ण अनुभव एवं अनुभूतियां

सांगली

१. मिरज

अ. गोपालकृष्ण मंदिर में नामजप के समय महिलाओं की आंखों में भावाश्रु आ गए !

आ. लोकमान्य वसाहत में सभी ने कहा कि हम राममंदिर के निर्माण तक प्रतिदिन रामनामजाप और प्रार्थना करेंगे !

२. विटा

विटा में सिंह सेना के संस्थापक श्री. शिव शिंदे ने अपने कार्यालय में धर्मप्रेमी युवकों को साथ लेकर नामजप किया।

३. कौलगे

कौलगे गांव में धर्मप्रेमियों ने नामजप के पश्‍चात हनुमान मंदिर में प्रतिदिन १५ मिनट तक आरती उतारना सुनिश्‍चित किया !

सोलापुर

१. खंडाळी

खंडाळी  के मंदिर में मन्नत मांगने के पश्‍चात श्रद्धालुओं ने कहा, ‘‘हमें भी धर्मशिक्षा मिले; इसके लिए आप धर्मशिक्षा वर्ग आरंभ करें। आपके कारण हमें राममंदिर निर्माण हेतु प्रार्थना-नामजप का अवसर मिला, अन्यथा हमारा इतना समय व्यर्थ ही गया होता !’’

२. अकलूज

अकलूज के राममंदिर में रामनाम का गजर करते समय अनेक धर्मप्रेमियों को ‘श्रीराम की मूर्ति उनकी ओर देखकर हंस रही है’, ऐसा अनुभव किया। श्रीमती खाडे को सुगंध आकर ‘वहां देवताओं का आगमन हो रहा है’, ऐसा प्रतीत हुआ !

३. अकलूज की साप्ताहिक सनातन प्रभात की पाठक श्रीमती पावसेदादी को राममंदिर अभियान के संदर्भ में बताए जानेपर उन्होंने भजन मंडली की भी महिलाओं को एकत्रित कर रामनाम का गजर किया। तब सभी को उत्साह एवं आनंद प्रतीत हो रहा था !

४. नामजप के समय किसी पुरुष की आवाज आना एवं गोंदवलेकर महाराज नामजप कर रहे हैं’, ऐसा दिखाई देना : अकलूज (जिला सोलापुर) के एक मंदिर में जब रामनाम का गजर चल रहा था, तब ३ महिलाओं को किसी पुरुषद्वारा नामजप करने की आवाज आ रही थी; परंतु उस समय वास्तव में वहां पर कोई
पुरुष उपस्थित नहीं था। श्रीमती खामणे को ‘प्रत्यक्षरूप से गोंदवलेकर महाराज ही सामने बैठकर ऊंचे स्वर में नामजप कर रहे हैं’, ऐसी अनुभूति आयी !

५. अकलूज के मंदिर में रामनाम का गजर किए जाने के पश्‍चात महिलाओं ने पूछा, ‘‘हमें राममंदिर के लिए कितने समय तक नामजप करना चाहिए ?’’ एक महिला ने प्रतिदिन राममंदिर के लिए नामजप करने की सिद्धता दर्शाई !

६. मंगळवेढा के दैनिक सनातन प्रभात के पाठक श्री. सुरेश जोशी ने प्रधानता लेकर वहां के तहसिलदार को ज्ञापन प्रस्तुत किया।

७. एक ७ मास की बच्चीद्वारा नामजप के समय तालियां बजाकर नमस्कार किया जाना : बार्शी के राममंदिर में सामूहिक नामजप के समय कु. ईश्‍वरी गलांडे (आयु ७ मास) यह बच्ची शांति से बैठी थी। वह बीच-बीच में तालियां बजा रही थी और अपना मस्तक झुकाकर नमस्कार कर रही थी !

८. सभी महिलाओंद्वारा राममंदिर का निर्णय हमारे पक्ष में ही होगा, ऐसा कहा जाना : सोलापुर के जगदंबा चौक के दत्त मंदिर में दिव्य गीता भजनी मंडल की महिलाओं को राममंदिर अभियान के संदर्भ में बताए जाने पर उन्होंने तुरंत श्रीराम का पूजन कर सामूहिक नामजप किया और मन्नत मांगी। इस अवसर पर सभी महिलाओं ने धर्मशिक्षावर्ग की मांग की और इससे बहुत आनंद मिलने की बात कही। सभी महिलाओं ने कहा कि राममंदिर का निर्णय हमारे पक्ष में ही आएगा !

९. सामूहिक नामजप के समय एक महिला ने ‘श्रीराम हाथ में धनुष्यबाण लेकर वहां खडे हैं’, ऐसा अनुभव किया  !

१०. लातुर में हाल ही में संपन्न हिन्दू राष्ट्र-जागृति सभा के पश्‍चात धर्मप्रेमियों ने उत्स्फूतर्ता से धर्मकार्य में सम्मिलित होने का निश्‍चय किया। इसके फलस्वरूप राममंदिर अभियान के अंतर्गत जिलाधिकारी को ज्ञापन प्रस्तुत करते समय अनेक धर्मप्रेमी उपस्थित थे।

११. जलगांव जिले के शिरसोली, डिकसाई, धानोरा, साथ ही नंदुरबार नगर के बडा मारुति मंदिर एवं श्रीराम मंदिर और घोटाणे (नंदुरबार) में श्रीराम का नामजप कर सामूहिक प्रार्थना की गई।

मालाड (मुंबई) में राममंदिर निर्माण हेतु हिन्दुत्वनिष्ठोंद्वारा रामनाम का गजर !

मालाड में भी सोमवार को मंडी में स्थित राममंदिर में रामनाम का गजर किया गया। प्रारंभ में श्रीराम से प्रार्थना कर नामजप किया गया। ‘केंद्र सरकार राममंदिर निर्माण हेतु संसद में कानून बनाए’, इस मांगवाले ज्ञापन पर हस्ताक्षर अभियान चलाया गया। इस समय श्री. ठाकरसी ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, ‘अब सभी हिन्दुओं को राममंदिर हेतु सडक पर उतरना चाहिए !’

राममंदिर निर्माण हेतु हिन्दू जनजागृति समिति एवं सनातन संस्थाद्वारा ली गई प्रधानता मन को भानेवाली है ! – श्री. शरद माळी, श्री शिवप्रतिष्ठान हिन्दुस्थान, कोल्हापुर

विगत ७० वर्षों से राममंदिर निर्माण हेतु हिन्दू न्यायालयीन एवं अन्य विविध मार्ग अपनाकर प्रयासरत हैं। इस संघर्ष को आध्यात्मिक बल मिलने हेतु समिति एवं सनातनद्वारा ली गई प्रधानता मन को भानेवाली है !

निकाली गई फेरियों के सर्वसाधारण क्षणचित्र

१. जब फेरियां निहित मार्ग से आगे-आगे जा रही थीं, तब अनेक नागरिकों ने उत्स्फूर्तता से फेरियों का पूजन कया। मार्ग पर के कुछ फूलवालों ने श्रीराम की प्रतिमा को फूल समर्पित किए। मार्ग से आने-जानेवाले अनेक नागरिक फेरी और श्रीराम की प्रतिमा को नमस्कार कर रहे थे।

२. स्थानीय पुलिसकर्मियों ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि आज आरती सुनकर बहुत अच्छा लगा !

राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलनों में की गई प्रमुख मांग

इस विषय पर अनेक स्थानोंपर राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन किए गए। इन आंदोलनों में ‘इस संदर्भ में केंद्र सरकार तत्काल कानून बनाकर राममंदिर का निर्माण आरंभ करे’, यही प्रमुख मांग की गई। आंदोलन में रखे गए ज्ञापन पर सैकडों हिन्दुओं ने हस्ताक्षर किए। उसके पश्‍चात ये ज्ञापन प्रशासन को प्रस्तुत किये गए।

केंद्र सरकार तत्काल कानून बनाकर राममंदिर का निर्माण करे ! – हिन्दू जनजागृति समिति

विविध स्थानों पर किए गए राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलनों में यह मांग की गई कि, आजकल श्रीरामजन्मभूमि पर रामलला को एक कपडे के तंबू में रख कर एक प्रकार से उनका अनादर ही किया जा रहा है। यहां श्रद्धालुओं को किसी प्रकार से पूजा-अर्चना करने की अनुमति नहीं है। हिन्दूबहुसंख्यक भारत में श्रीरामजन्मभूमि पर हिन्दुओं को पूजा-अर्चना का अधिकार नहीं दिया जाना, लज्जास्पद है ! केंद्र और उत्तर प्रदेश राज्य इन दोनों स्थानों पर भाजपा का ही संपूर्ण बहुमतवाला शासन है। अतः राममंदिर निर्माण के लिए संसद में तत्काल कानून बनाकर अयोध्या में भव्य राममंदिर का निर्माण किया जाए !

राममंदिर निर्माण हेतु सनातन संस्था एवं हिन्दू जनजागृति समिति के प्रति विश्‍वास का वातावरण !

संपूर्ण देश में अनेक स्थानों पर सामूहिक प्रार्थना और नामजप किया गया। इनमें से अनेक स्थानों पर धर्मशिक्षा वर्ग में आनेवाले धर्मप्रेमियों ने सहभाग लिया। अनेक स्थानों पर मंदिरों के अध्यक्ष और न्यासियों ने भी नामजप में सहभाग लिया। अनेक स्थानों पर इस संदर्भ में राम के नाम पर मत मांग कर सत्ता में बैठे सरकारद्वारा कुछ भी न होने से अब सनातन संस्था और हिन्दू जनजागृति समिति ही कुछ करेगी, इसके प्रति विश्‍वास देखने को मिला !

कोल्हापुर की नामफेरी के समय एक श्रीरामभक्तद्वारा व्यक्त की गई प्रतिक्रिया : ‘अभीतक केंद्र सरकार ने राममंदिर के लिए कुछ भी नहीं किया; परंतु इस फेरी को देखकर अब सनातन संस्था ही इसके लिए कुछ करेगी, ऐसी आशा उत्पन्न हुई है !

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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