भाईंदर (ठाणे) एवं मालाड (मुंबई) में आयोजित हिन्दुओं की एकमुखी मांग !
मुंबई : करोडों हिन्दुओं की आस्था का स्त्रोत अयोध्यानगरी प्रभु श्रीराम की जन्मभूमि है, यह ऐतिहासिक सत्य है ! हिन्दुओं के धर्मग्रंथों में इसके अनेक प्रमाण मिलते हैं। न्यायालय में पुरातत्त्वीय प्रमाणों के आधार पर यह पुनः प्रमाणित हुआ और वर्ष २०१० में ईलाहाबाद उच्च न्यायालय में इस प्रकरण में ‘श्रीरामजन्मभूमि श्रीराम की ही है !’, इस पर मुहर भी लगाई; परंतु विगत ८ वर्षों से यह विवाद सर्वोच्च न्यायालय में प्रलंबित है। अतः अब हिन्दुओं ने राममंदिर हेतु और कितनी प्रतीक्षा करनी चाहिए ? केंद्र और उत्तर प्रदेश इन दोनों स्थानों पर भाजपा की पूर्ण बहुमतवाली सरकारें हैं। इसलिए संसद में तत्काल कानून बनाकर अयोध्या में भव्य राममंदिर का निर्माण किया जाए ! भाईंदर (जिला ठाणे) में १२ जनवरी और मालाड में १३ जनवरी को संपन्न राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलनों में सहभागी हिन्दुत्वनिष्ठोंद्वारा ऐसी मांग की गई। आंदोलनस्थल पर हस्ताक्षर अभियान भी चलाया गया। सैकडों रामभक्तोंद्वारा इस आंदोलन का अच्छा प्रतिसाद प्राप्त हुआ !
आंदोलनोंद्वारा की गई अन्य मांगें . . .
• केंद्र शासन सभी विद्यालयों-महाविद्यालयों में हिन्दू छात्रों को प्रतिदिन धर्मग्रंथों की शिक्षा दें !
• तीर्थस्थलों पर मदिरा-मांस के विक्रय पर प्रतिबंध लगाया जाए, साथ ही मंदिरों का सरकारीकरण निरस्त कर मंदिरों को पुनः भक्तों के नियंत्रण में सौंप दिया जाए !
• हनुमान को मुसलमान, चीनी, खिलाडी आदि कहनेवालों के विरोध में कठोर कार्रवाई की जाए। इसके लिए हिन्दू धर्म, धर्मग्रंथ, देवता एवं संतों का अनादर रोकनेवाला कानून बनाया जाए !
मालाड
मालाड : १३ जनवरी की सुबह ११ से दोपहर १ बजे की कालावधि में शिवाजी चौक, टैन्क लेन, मालाड (पूर्व) में संपन्न हुए राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन में बजरंग दल, योग वेदांत सेवा समिति, बजरंग शक्ति, हिन्दू राष्ट्र सेना, सनातन संस्था एवं हिन्दू जनजागृति समिति, साथ ही भाजपा कार्यकर्ता और पदाधिकारियों ने सहभाग लिया।
भाईंदर
भाईंदर : १२ जनवरी को सायंकाल ५.३० से ७ बजे की कालावधि में भाईंदर (पश्चिम) रेल स्थानक के समीप संपन्न हुए राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन में विश्व हिन्दू सेवा संघ, बजरंग दल, शककर्ता शिवराज सेवा संस्था, वर्गमित्र, सनातन संस्था एवं हिन्दू जनजागृति समिति, साथ ही हिन्दुस्थान नैशनल पार्टी के कार्यकर्ता एवं पदाधिकारियों ने सहभाग लिया।
आंदोलन में घोषणाओं को विरोध करनेवाले भाईंदर के पुलिसकर्मी !
भाईंदर (पश्चिम) के आंदोलन में सहभागी हिन्दुत्वनिष्ठ उत्स्फूर्तता से प्रभु श्रीराम से संबंधित एवं अन्य विषयोंपर घोषणाएं दे रहे थे। तब पुलिसकर्मियों ने आंदोलनस्थल पर आकर कार्यकर्ताओं से कहा, ‘आप केवल लोगों को हस्ताक्षर अभियान के लिए आवाहन करें, ऐसी घोषणाएं न दें !’ इस पर आंदोलन में सहभागी हिन्दुत्वनिष्ठों ने इन पुलिसकर्मियों को दृढतापूर्वक कहा, ‘जिस विषय पर यह आंदोलन है, हम उस विषय से संबंधित घोषणाएं तो देंगे ही !’ आंदोलन समाप्त होनेतक सभी ने हस्ताक्षर अभियान के आवाहनसहित उत्स्फूर्तता से घोषणाएं भी दीं ! (वैधानिक पद्धति से आंदोलन चलानेवाले आंदोलनकारियों को घोषणाएं देने से रोकनेवाले पुलिसकर्मी ! क्या पुलिस ने कभी मुसलमानों को सर्वोच्च न्यायालय के ध्वनिप्रदूषण के आदेश का उल्लंघन कर मस्जिदों पर से दिन में पांच बार बजानेवाले भोंपुओं के संदर्भ में कभी पूछा है ? केवल हिन्दुओं के संदर्भ में ही ऐसी आपत्ति जताई जाती है ! तो क्या यह पुलिसकर्मियों का धार्मिक भेदभाव नहीं है ? हिन्दुओं के असंगठित होने का ही यह परिणाम है ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात