कुंभमेला प्रयागराज २०१९
हिन्दू धर्म में विद्यमान विविधता, सर्वसमावेशी, एकता और अखंडता का सर्वांगसुंदर दर्शन करानेवाले एवं विश्व का सबसे बडा एकमात्र धार्मिक महोत्सव ‘कुंभपर्व’ के उपलक्ष्य में इस विशेष स्तंभ का आरंभ किया गया है !
इस स्तंभ के माध्यम से हमारे पाठकों को प्रयागराज का स्थलदर्शन, कुंभपर्व में सहभागी विविध अखाडों, उनकी पेशवाई शोभायात्राएं, संत-महंतों के दर्शन, त्रिवेणी संगम पर भक्तिभाव से स्नान करने आए हुए हिन्दुओं के मुखमंडलोंपर विद्यमान उत्कट भाव, हिन्दू धर्म की ख्याति सुनकर सातों समुद्र पार कर आनेवाले विदेशी लोगों का कुंभ में सहभाग आदि का छायाचित्रण एवं इस संदर्भ में वैशिष्ट्यपूर्ण जानकारी देने का हमारा प्रयास रहेगा ! इससे पाठकों को हिन्दू धर्म का अनन्यसाधारण महत्त्व एवं साधना क्यों आवश्यक है ?, यह समझ में आएगा। इस स्तंभ के कारण आपको घरबैठे भक्तिभाव का तनिक अनुभव निश्चित रूप से होगा; ऐसा है फिर भी कुंभपर्व के पवित्र अवसर पर हर हिन्दू साधना करने का निर्धार करें; कारण आगामी संकटकाल में केवल साधना ही हमारी तारणहार सिद्ध होगी, यह निश्चित है !
प्रयागराज के कुंभपर्व का पहला राजयोगी (शाही) स्नान
कुंभपर्व के प्रारंभ में महानिर्वाणी अखाडे के राजयोगी स्नान के पश्चात क्रमशः निरंजनी अखाडा, आनंद अखाडा, जूना अखाडा, आवाहन अखाडा, श्री शंभू पंच अग्नि अखाडा स्नान के लिए आ गए। इन शैव अखाडों का स्नान होने पर निर्मोही, निर्वाणी एवं दिगंबर इन वैष्णव अखाडों का स्नान संपन्न हुआ। उसके पश्चात नया उदासीन, बडा उदासीन एवं निर्मल इन उदासीन अखाडों ने स्नान किया। इनमें से जूना अखाडा में सबसे बडी संख्या में साधु और संन्यासियों का सहभाग था। वैष्णव अखाडों को स्नान के लिए आने में २ घंटे विलंब हुआ, जिससे की अगला स्नान विलंब से हुआ।
कुंभपर्व की विशेषताएं
- शरीर से अपाहिज एवं विकलांग साधु भी राजयोगी स्नान के लिए प्रयागराज के त्रिवेणी संगम पर जा रहे थे !
- त्रिवेणी संगम का अत्यंत ठंडा पानी एवं बाहर प्रातःकाल में कडाके की ठंड होते हुए भी साधु और श्रद्धालु उत्साह के साथ स्नान करते हुए आनंदित मुद्रा में लौट रहे थे !
- विदेशी नागरिकों के एक बडे समूह ने भी कुंभपर्व में स्नान किया !
- उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से कुंभपर्व में सहभागी संत एवं श्रद्धालुओंपर हेलिकॉप्टर से १.३० घंटे से भी अधिक समय तक पुष्पवृष्टि की जा रही थी, जिससे की संत और श्रद्धालुओं का उत्साह और बढा !
- शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती महाराज एवं अन्य वयस्क संतों को उनके भक्तों ने उठा लेकर संगम पर स्नान करवाया। संगम पर स्नान के पश्चात अनेक साधु-संत और श्रद्धालुओं ने पूजन, नामजप और भजन कर अधिकाधिक चैतन्य प्राप्त करने का प्रयास किया !
- कुंभपर्व में बडे साधुओंसहित ४-५ वर्ष आयु के एक छोटे साधु ने भी स्नान किया !
- कुंभपर्व में श्रद्धालुओंसहित उत्तर प्रदेश पुलिस विभाग, राज्य रिजर्व पुलिस बल, राष्ट्रीय आपदा सहायता बल (एनडीआरएफ) के ८० समूह, बमशोधक दल, स्काऊट आदि बलों के सहस्रों लोग सुरक्षा के लिए नियुक्त किए गए थे !
- कुंभपर्व के छायाचित्रण के लिए विदेश से ५० से भी अधिक पत्रकार आए थे। अच्छे छायाचित्र खींचना संभव हो; इसके लिए देश-विदेश के अनेक पत्रकारों ने
नदी के ठंडे पानी में कुछ घंटोतक निरंतर खडे रहकर छायाचित्र खींचे !
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात