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अब पालकी शोभायात्राओंको भी जनपद पुलिस अधीक्षकोंकी अनुमति प्राप्त करनी पडेगी !

फाल्गुन शुक्ल ५, कलियुग वर्ष ५११४

अब पालकी शोभायात्राओंको भी जनपद पुलिस अधीक्षकोंकी अनुमति प्राप्त करनी पडेगी – होलिकोत्सव निकट आनेके पश्चात पुलिसद्वारा हिंदूद्वेषी निर्णय !

हिंदुओ, पालकी शोभायात्रा हेतु प्रशासनकी अनुमति प्राप्त करनी पडती है, यह कांग्रेसको चुनकर सत्तामें लानेका ही दंड है !

आज पालकी शोभायात्रा निकालने हेतु अनुमति प्राप्त करें, ऐसा कहनेवाले कल हिंदुओंको मंदिरमें जानेके लिए, पूजा करनेके लिए अनुमति प्राप्त करें, ऐसा कहनेसे भी पीछे नहीं हटेंगे !

रत्नागिरी, (महाराष्ट्र) – मोर्चा, आंदोलनोंके पश्चात अब किसी भी शोभायात्राको पुलिस अधीक्षक कार्यालयकी अनुमति लेना प्रशासनने अनिवार्य किया है । अतः होलिकोत्सवमें अडचनें उत्पन्न हो रही हैं । ( कांग्रेस सरकारद्वारा इस प्रकार हिंदुओंका शोषण हो रहा है ! हिंदुओंके उत्सवोंपर प्रतिबंध तथा श्रद्धास्थानोंपर हमला करनेका कार्य हिंदूद्वेषी सरकार निरंतर कर रही है । जबतक हिंदू संगठित नहीं होते, तबतक कांग्रेसकी प्रताडनाका सामना हिंदुओंको करना ही पडेगा । हिंदुओ, यह ध्यानमें रखें कि सरकारके इस हिंदूद्वेषका उत्तर देनेके लिए हिंदू राष्ट्र होना ही अनिवार्य है ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )

जनपदमें राजापुर तहसीलसे मंडणगढ तहसीलतक सभी स्थानोंपर होलिकोत्सव पालकी शोभायात्रा निकाली जाती है । सरकारके इस निर्णयके कारण दुर्गमसे दुर्गम क्षेत्रमें अनुमति हेतु रत्नागिरी जनपद पुलिस अधीक्षक कार्यालयके पास संपर्क करना पडेगा । अतः ग्रामीणोंद्वारा प्रतिक्रिया/क्रोध  व्यक्त किए जा रहे हैं । पुलिस अधीक्षक दीपक पाण्डेयने यह धारा बनाई है । ( पुलिसके सर्व कानून केवल हिंदुओंके लिए ही होते हैं ! क्या मुसलमानोंके समक्ष इस प्रकारकी शर्तें रखनेका साहस पुलिसवाले दिखाएंगे ? – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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