प्रयागराज (कुंभनगरी) : सनातन धर्म की रक्षा हेतु देश को बचाना होगा । मुसलमान प्रतिदिन अपनी जनसंख्या बढा रहे हैं; परंतु हिन्दू ‘हम दो हमारे दो’ में ही लिप्त है । यदि यह ऐसा ही चलता रहा, तो हिन्दू अल्पसंख्यक बन जाएंगे । भारत में संतों की परंपरा है । केवल संत ही इस देश को बचानेवाले हैं । संत परंपरा कैसे आगे बढेगी ? भारतीयों के मन में संतों के प्रति आस्था है । सनातन के सभी साधकों की ओर देखकर बहुत प्रसन्न लगता है । उसके कारण यह है कि वे संतसेवा में लीन हैं; इसलिए संतसंगती का आनंद उनके मुख पर झलकता है । श्री रघुवीर महात्यागी खालसा के श्री श्री १००८ श्री महामंडलेश्वर महंत रघुवीरदास महात्यागी महाराज ने ऐसा प्रतिपादित किया ।
१७ जनवरी को उन्होंने कुंभनगरी में सनातन की ग्रंथप्रदर्शनी का अवलोकन किया । उस समय वे ऐसा बोल रहे थे । इस अवसर पर सनातन के धर्मप्रचारक श्री. अभय वर्तक ने श्री श्री १००८ श्री महामंडलेश्वर महंत रघुवीरदास महात्यागी महाराज को ग्रंथप्रदर्शनी की जानकारी दी, तो सनातन के साधक श्री. नीलकंठ नाईक ने उन्हें सम्मानित किया ।