प्रयागराज (कुंभनगरी, उत्तर प्रदेश) : यहां के सेक्टर १५ के भूमानिकेतन पीठाधीश्वर मंडप में कश्मीर और बांग्ला देश में हिन्दुआें के साथ किए गए भीषण अत्याचारों की सच्चाई बतानेवाली चित्रप्रदर्शनी लगाई गई है । इस चित्रप्रदर्शनी के पहले ही दिन अर्थात १९ जनवरी को बाहर लगाए गए फलक कोे देखकर जिज्ञासु, धर्मप्रेमी, हिन्दुत्वनिष्ठ संगठन, पुलिसकर्मी, गुप्तचर विभाग के पुुलिसकर्मियोंसहित अनेक साधु-संतों ने चित्रप्रदर्शनी का उत्स्फूर्तता से अवलोकन किया । पहले ही दिन सुबह संपन्न उद्घाटन सत्र के रात ९ बजेतक ५० से अधिक साधु-संतों ने इस चित्रप्रदर्शनी का अवलोकन किया ।
कई बार निमंत्रण देनेपर संत-महंत सनातन संस्था तथा हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से लगाई गई चित्रप्रदर्शनी के अवलोकन के लिए आते हैं । भले ऐसा हो; परंतु कश्मीर के विस्थापित हिन्दुआें के साथ भीषण अत्याचारों की सच्चाई बतानेवाली चित्रप्रदर्शनी के अवलोकन के लिए
अनेक साधु-संत उत्स्फूर्तता से आ रहे थे । उनमें स्वामी भागवतानंद महाराज, स्वामी नरेंद्रानंद महाराज, स्वामी जगदीशस्वरूप महाराज, स्वामी आशुतोषानंद महाराज तथा स्वामी महेशानंद महाराज अंतर्भूत थे । प्रदर्शनीस्थलपर इन ५ साधु-संतों का आगमन होनेपर हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सद्गुुरु (डॉ.) चारुदत्त पिंगळेजी ने उन्हें झुककर साष्टांग नमस्कार किया । सद्गुरु (डॉ.) पिंगळेजी ने उनसे कहा, ‘‘आप जैसे संतों की कृपा से ही यह कार्य चल रहा है । मैं आपको नमस्कार करता हूं !’’
उसके पश्चात ये साधु-संत आनंदित होकर सद्गुरु (डॉ.) पिंगळेजी से बातें करने लगे । उनमें से एक स्वामी आशुतोषानंद महाराज सनातन आश्रम, रामनाथी में इससे पहले अवलोकन हेतु पधारे थे । इन सभी संतों को निकट के सनातन संस्था की ओर से लगाई गई धर्मशिक्षा एवं राष्ट्ररक्षाविषय के प्रदर्शनी के अवलोकन का अनुरोध किया गया ।
एक जिज्ञासु को समाचारपत्र में इस प्रदर्शनी का समाचार मिला । वे लंबे समतयक पता ढूंढते हुए प्रदर्शनस्थल पहुंचे । यह जिज्ञासु हिन्दी पाक्षिक सनातन प्रभात के वर्गणीदार बन गए और उन्होंने ग्रंथों का भी क्रय किया । अनेक हिन्दुत्वनिष्ठ कार्यकर्ता भी उत्स्फूर्तता से प्रदर्शनी के अवलोकन हेतु आ रहे थे, तो कुछ लोगों ने ‘क्या इस चित्रप्रदर्शनी का पुस्तक है ?’, यह भी पूछा ।