प्रयागराज (कुंभनगरी, उत्तर प्रदेश) : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और विश्व हिन्दू परिषद इन संगठनों को श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या में राममंदिर का निर्माण हो, ऐसा नहीं लगता । काशी सुमेरुपीठाधीश्वर जगद्गुुरु स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती ने यह मत व्यक्त किया । कुंभक्षेत्र में स्थित उनके शिविर में वे ऐसा बोल रहे थे ।
जगद्गुरु स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती ने आगे कहा,
१. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और विश्व हिन्दू परिषद ये दोनों संगठन विगत अनेक वर्षोें से राममंदिर के नाम पर संतसमाज और जनता का दिशाभ्रम कर रहे हैं ।
२. जनता को भावनिक रूप से जोडने हेतु आंदोलन और संतसम्मेलन का दिखावा किया जा रहा है ।
३. वर्तमान में भाजपा के पास केंद्र और उत्तर प्रदेश की पूर्ण बहुमतवाली सरकारे हैं । यदि सरकार की इच्छा होती, तो मंदिर निर्माण का प्रारंभ योग्य दिशा से आरंभ हो जाता; किंतु मंदिर निर्माण के विषय में सरकार की ओर से कोई प्रयास होते हुए नहीं दिखाई देते ।
४. न सर्वोच्च न्यायालय में इस प्रकरण की सुनवाई होती है और न राममंदिर निर्माण के लिए अध्यादेश लाया जा रहा है । यह हिन्दुआें की धार्मिक भावना आहत करने जैसा है ।
५. संत और समाज जब इनकी कार्यप्रणाली का कडा विरोध करेगा इस बार उन्होनें अर्धकुंभ को कुंभ नाम देने का भी विरोध किया । सरकार ने धर्मशास्त्र की मान्यता को बदलने का प्रयास किया है । यह धर्म और समाज के लिए उचित नहीं है । सरकार के इस कृत्य के कारण संतों में अप्रसन्नता है ।
संदर्भ : दैनिक सनातन प्रभात