कुंभपर्व प्रयागराज २०१९
प्रयागराज (कुंभनगरी, उत्तर प्रदेश) : पौष पूर्णिमा के उपलक्ष्य में कुंभपर्व में २१ जनवरी को त्रिवेणी संगम पर कल्पवासी अर्थात श्रद्धालुआें का दूसरा स्नानपर्व उत्साह के साथ और भावपूर्ण वातावरण में संपन्न हुआ । कुल ६० लाख श्रद्धालुआें ने ‘गंगा माता की जय’ और ‘हर हर महादेव’ के जयघोष में त्रिवेणी संगम पर स्नान किया । २० जनवरी से ही पौष पूर्णिमा का व्रत तथा पूजन आरंभ हो चुका था । इस उपलक्ष्य में २१ जनवरी को स्नान तथा दान देना पुण्यकारक होने से श्रद्धालुआें ने इस दिन स्नान, दान एवं जाप को महत्त्व दिया । इस दिन राजयोगी स्नान न होने से श्रद्धालुआें से ठीक से स्नान करना संभव हो; इसके लिए प्रशासन ने सुचारू प्रबंध और पुलिस व्यवस्था रखी थी । दोपहर १२ बजे तक ४० लाख श्रद्धालुआें ने गंगास्नान किया था । उसके पश्चात श्रद्धालुआें की भीड बढ गई । इस पवित्र स्नान के पश्चात आज से श्रद्धालु संगम पर बनाए गए तंबुआें में रहकर १ मास तक भजन-कीर्तन करेंगे । वे मोक्षप्राप्तिहेतु संतों के सहवास में अपना समय बिताएंगे, साथ ही सुख-सुविधाआें को त्यागकर दिन में केवल १ ही बार भोजन और ३ बार गंगास्नान कर तपस्वी का जीवन जीएंगे ।
न्यायालय के निर्णय को ताक पर रखनेवाला प्रशासन और पुलिसकर्मी !
न्यायालय के निर्णय के अनुसार प्रशासन और पुलिस प्रशासन की ओर से त्रिवेणी संगम पर ध्वनिचित्रीकरण और छायाचित्र न खींचने का आवाहन किया जा रहा था, तो दूसरी ओर उनके द्वारा ही सीसीटीवी लगाकर तथा पुलिसकर्मियों द्वारा ध्वनिचित्रीकरण किया जा रहा था । पुलिस प्रशासन के इस आवाहन को ताक पर रखकर श्रद्धालु, पत्रकार और समाचारवाहिनियों के छायाचित्रकारों के संगम पर ध्वनिचित्रीकरण छायाचित्र भी खींचे ।
क्षणिकाएं
१. त्रिवेणी संगम पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रसिद्धि करनेवाले बडे फलक खडे किए गए थे; किंतु वहां अन्य संगठनों को फलक लगाने पर प्रतिबंध लगाया गया था ।
२. छोटे बच्चे कचरा डालने हेतु रखे गए डिब्बों में ही मूत्रविसर्जन कर रहे थे और उनके अभिभावक उसकी अनदेखी कर रहे थे ।
३. प्रशासन ने महिला श्रद्धालुआें के लिए अन्यत्र कपडे बदलने का प्रबंध नहीं किया था; इसलिए स्नान के पश्चात संगम पर ही महिला-पुरुष उसी भीड में कपडे बदल रहे थे ।
४. स्नान के पश्चात कई साधुआें ने संगम पर पूजा, स्तोत्र और मंत्रों का पठन किया ।
५. कुछ श्रद्धालु स्नान के पश्चात एकत्रित होकर करताल और मृदंग की गूंज में भजन करते हुए अपने निवास की ओर जा रहे थे ।
पुलिसकर्मियों ने ‘हार्दिक स्वागत’ के फलक हटाने के लिए बाध्य किया !
सनातन संस्था के साधक एवं हिन्दू जनजागृति समिति के कार्यकर्ताआें नेे त्रिवेणी संगम पर ‘श्रद्धालुआें का हार्दिक स्वागत’ के फलक हाथ में पकडे हुए थे । उनमें से कुछ फलक साधकों ने प्रातः ४ बजे से हाथ में पकडे थे । सुबह ८.३० के पश्चात पुलिसकर्मियों ने ऐसे फलक लगाने से रोका और साधकों को इन फलकों को हटाने के लिए बाध्य किया । (पुलिस प्रशासन यह स्पष्ट करें कि क्या इन फलकों के कारण सुरक्षा में कोई बाधा उत्पन्न हो रही थी अथवा और क्या समस्या थी ?, अन्यथा ‘सनातनद्वेष के कारण ही पुलिसकर्मी ऐसा कर रहे थे’, ऐसा हिन्दुआें को लगा, तो उसमें अयोग्य क्या है ? – संपादक)
दूसरे स्नान के लिए प्रशासन ने इस प्रकार से की थी सिद्धता –
- ५.५ तक ३५ स्नान घाट बनाए गए थे ।
- ९ प्रवेशमार्गों से कुंभपर्व के क्षेत्र में प्रवेश
- २० कि.मी. तक पुलिसकर्मियों ने सुरक्षा हेतु बैरिकेड्स खडे किए थे ।
- ४५ सहस्र एल्ईडी बल्ब लगाए गए थे ।
- १ लाख २२ सहस्र शौचालयों की व्यवस्था
- २५ सहस्र स्वच्छता कर्मचारियों की नियुक्ति
- ५ लाख ५ सहस्र वाहनों के लिए ९५ वाहनस्थल (पार्किंग)
गंगानदी में टिहरी बांध से ५ सहस्र क्यूसेक्स, तो नरौरा बांध से २ सहस्र क्यूसेक्स पानी निरंतर छोडा जा रहा था ।
संदर्भ : दैनिक सनातन प्रभात