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प्रयागराज (कुंभनगरी,उत्तर प्रदेश) : कुंभपर्व के उपलक्ष्य में सनातन संस्थी की ओर से सेक्टर १५, मोरी मार्ग-मुक्ति मार्ग के चौराह पर धर्मशिक्षा तथा राष्ट्र-धर्मरक्षा से संबंधित फलक प्रदर्शनी लगाई गई है । जिज्ञासु, धर्मप्रेमी, साधु-संत-महंतों द्वारा इस प्रदर्शनी को उत्स्फूर्त प्रत्युत्तर प्राप्त हो रहा है । कई धर्मप्रेमी, साधु-संत-महंत और पुलिसकर्मियों ने सनातन की ग्रंथप्रदर्शनी का अवलोकन किया । श्रद्धालुआें का यह मानना है कि प्रयागराज के कुंभक्षेत्र के त्रिवेणी संगम पर गंगा और यमुना नदी तो दिखाई देती है और वहां से बहनेवाली सरस्वती नदी विलुप्त हो गई है । कई धर्मप्रेमी, साधु-संत-महंतों से मिले मौलिक अभिप्रायों में एक अभिप्राय यह था, हम तो कहते हैं कि सनातन की ग्रंथप्रदर्शनी में इस विलुप्त सरस्वती का दर्शन होता है । कौन कहते हैं सरस्वती नदी विलुप्त हो गई ?, सरस्वती का दर्शन तो सनातन की ग्रंथप्रदर्शनी में होता है ।
आज के लोकतंत्र में कॉन्वेंट हाईस्कूल में बाईबल और मदरसों में कुरआन सिखाया जाता है; परंतु सामान्य हिन्दुआें के लिए धर्मशिक्षा की कोई व्यवस्था नहीं है । उससे सनातन धर्म क्या है ?, उसका आचरण कैसे करना चाहिए ?, जैसी बातों का हिन्दुआें को ज्ञान नहीं है । हिन्दू समाज को सरल भाषा में धर्मशिक्षा देने का प्रयास करना, इस काल के सर्वश्रेष्ठ धर्मप्रसार है । हिन्दुआें को इसकी जानकारी मिले; इसके लिए सनातन की ओर से ग्रंथप्रदर्शनी का आयोजन किया गया है । इसमें धर्मशिक्षा से संबंधित संस्कृति का पालन करना, देवालय-दर्शन, धार्मिक कृतियों का अध्यात्मशास्त्र, देवताआें की उपासना आदि कृतियों से संबंधित, साथ ही राष्ट्र-धर्मरक्षा से संबंधित गंगारक्षा, गोरक्षा, मंदिरों की रक्षा, क्रांतिकारियों का स्मरण, हिन्दू राष्ट्र, सामाजिक दुष्प्रवृत्तियों का निर्मूलन आदि से संबंधित ग्रंथ और फलक अंतभूर्त हैं । यह प्रदर्शनी प्रतिदिन सुबह ९ बजे से लेकर रात के ९ बजेतक खुली है ।
धर्मप्रेमी, साधु-संत-महंतों द्वारा व्यक्त प्रतिक्रियाएं !
१.पंडित विनय मालवीय, खंडवा, मध्य प्रदेश : भारत सदैव सनातन धर्म का ही रहा है । इसमें किसी व्यक्ति की अपेक्षा केवल शास्त्र को ही प्रमाण माना गया है । इस शास्त्र एवं परंपराआें को लोगों तक पहुंचानेवाले आदरणीय आठवले गुरुजी (परात्पर गुुरु डॉ.जयंत आठवलेजी)को मेरे कोटि-कोटि प्रणाम !
२. श्री. सोनपाल सिंह, बुलंदशहर : इस प्रदर्शनी को देखकर बहुत अच्छा लगा । प्रत्येक व्यक्ति के हृदय में राष्ट्र के प्रति निष्ठा होनी चाहिए । प्रत्येक सरकारी विद्यालयों में शिक्षा लेनेवाले बच्चों के रग-रग में देशभक्ति उत्पन्न की जानी चाहिए ।
३. श्री. सुनीलकुमार, उत्तर प्रदेश : सनातन की ग्रंथप्रदर्शनी देखकर मुझे बहुत अच्छा लगा । समय के अभाव के कारण मैं प्रदर्शनी के अवलोकन के लिए अधिक समय नहीं दे सकता; परंतु मैं यहां पुनः आने का प्रयास करूंगा ।
४. श्री. अर्जुन सिंह, आदमपुर (जनपद हरिद्वार,उत्तराखंड) : सनातन धर्म ही हिन्दू धर्म है । प्रत्येक परिस्थितियों में हमें संगठित होकर सनातन धर्म को आगे ले जाना चाहिए । संगठितरूप से कार्य करने से हम प्रत्येक संकट का सामना कर सकते हैं ।
५. श्री. संजय कुमारसिंह, प्रयागराज : मुझे यह प्रदर्शनी बहुत अच्छी लगी । मैं सनातन प्रभात का वार्षिक वर्गणीदार बनूंगा ।
६. श्री. अनिलकुमार तिवारी, सुकरक्षेत्र (जनपद कासगंज, उत्तर प्रदेश) : यह प्रदर्शनी बहुत अच्छी है । मेरी जागृति संस्था की ओर से मैं यह आवाहन करता हूं कि कासगंज जनपद के आदितीर्थ सोरोसुकरक्षेत्र में मेरा निवास है । वहां सनातन की ओर से ऐसी प्रदर्शनी लगाकर जनजागृति करें ।
७. श्री. चांदोजी महाराज, छोटी छावनी, लवकुश, हरिद्वार, उत्तराखंड : इस प्रदर्शनी में क्रियात्मकता सिखने के लिए मिलती है । आप कभी भी भ्रमणभाष करें, तब मेरे अनुयायी आपसे मिलकर आपसे सहयोग करेंगे ।
क्षणिकाएं
गुजरात राज्य के भावनगर के श्री नानी खोडियार मंदिर के श्री श्री १००८ नानी खोडियार शक्ति पीठाधीश्वर यज्ञसम्राट श्री स्वामी महामंडलेश्वर श्री महंत श्री गरीबराम बापू परमहंस तथा अतित गुरु श्री महामंडलेश्वर श्री हरि भजनदास महाराज ने भी सनातन की ग्रंथप्रदर्शनी का अवलोकन किया ।
संपूर्ण कुंभपर्व में सनातन की ग्रंथप्रदर्शनी में विद्यमान धर्मज्ञान नहीं मिलेगा ! – श्रीमती सविताबेन पटेल, शिवशक्ति कारगिल चौक, सूरत (गुजरात)
मुझे सनातन की ग्रंथप्रदर्शनी बहुत अच्छी लगी । इस प्रदर्शनी को देखकर हम निशब्द हो गए हैं । संपूर्ण कुंभपर्व में ऐसा धर्मज्ञान कहां होगा, ऐसा हमें नहीं लगता । क्या आप हमारे गांव में प्रदर्शनी लगा सकते हैं ? ऐसी प्रदर्शनी से बोध लेकर हमारे गांव के लोग तंग वस्त्र धारण करना बंद कर देंगे । सनातन के साधक जब हमें प्रदर्शनी दिखा रहे थे, तब वे हमें हमारे ही लग रहे थे । आप हमसे अवश्य संपर्क करें । इस प्रदर्शनी के कारण हमारी आंखें खुल गई हैं । आप शीघ्र हमारे गांव आकर प्रसार करें । (श्रीमती सविताबेन पटेल अपने साथ ७ महिलाआें को ग्रंथप्रदर्शनी में लेकर आई थीं ।
जो प्रयागराज के पुलिसकर्मियों की समझ में आता है, वह सनातन के पीछे जांच का झंझट लगानेवाले अन्वेषण विभाग और सनातन को बिना किसी कारण अपर्कीत करने में जुटे प्रसारमाध्यमों की समझ में क्यों नहीं आता ?
सनातन की ग्रंथप्रदर्शनी देखकर २ पुलिसकर्मियों ने कहा, हमें कुंभपर्व में गंगा और यमुना नदीयों के साथ-साथ सनातन की ग्रंथप्रदर्शनी में सरस्वती नदी के भी दर्शन हुए ।