कुंभपर्व प्रयागराज २०१९
सनातन संस्था का अखाडा परिषद तथा आध्यात्मिक संगठनों से आवाहन !
- केंद्र और उत्तर प्रदेश में हिन्दुत्वनिष्ठों की सरकारें होते हुए भी हिन्दूद्वेषी लोगों में हिन्दुआें के सब से बडे कुंभपर्व के विषय में इस प्रकार से दुष्प्रचार फैलाने का साहस कहां से आता है ?
- इतने वर्ष सत्ता में होते हुए भी शासनकर्ताआें ने ऐसे हिन्दुद्वेषी लोगों पर धाक जमानेवाली विधियां नहीं बनाईं और उनके विरुद्ध कठोर कार्यवाही नहीं की । इसीलिए उनमें यह साहस आया है !
- व्यक्तिस्वतंत्रता के नाम पर हिन्दुआें के त्योहार-उत्सवों के विषय में इस प्रकार का दुष्प्रचार और कितने समय तक सहन करना पडेगा ? इसे रोकने हेतु हिन्दू राष्ट्र ही चाहिए !
कुंभपर्व के उपलक्ष्य में करोडों श्रद्धालु गंगानदी में डुबकी लगाकर अपने पापों का क्षालन करते है । ऐसे श्रद्धायुक्त कुंभपर्व में कुछ हिन्दूद्वेषियों की ओर से विदेशी शक्तियों की सहायता लेकर गंगास्नान के प्रति भ्रम फैलाया जा रहा है । पिछले २ दिनों में ट्विटर ट्रेंड पर ‘#kumbhsnan_blindfaith’ (कुंभस्नान _ अंधविश्वासभक्ति) ‘हैशटैग’ का उपयोग कर कुंभस्नान भगवद्-गीता विरोधी है, अंधविश्वास भक्तों के लिए संकट उत्पन्न करनेवाला है’, इस प्रकार से दुष्प्रचार किया जा रहा है । हिन्दूद्वेषी शक्तियों ने गंगास्नान के संबंध में भ्रम फैलाकर हिन्दू समाज को विघटित करने का षड्यंत्र रचा है । इसलिए अखाडा परिषद, आध्यात्मिक संगठन तथा हिन्दुत्वनिष्ठ संगठन गंगास्नान के विरुद्ध फैलाए जा रहे इस दुष्प्रचार को रोककर हिन्दू धर्मविरोधी षड्यंत्र को सफल न होने दें । सनातन संस्था के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. चेतन राजहंस ने २४ जनवरी को प्रकाशित विज्ञप्ति के माध्यम से यह आवाहन किया है ।
श्री. चेतन राजहंस ने विज्ञप्ति में आगे कहा है,
१. कुंभपर्व में गंगास्नान शास्त्रसंमत है । गीता में स्वयं भगवान श्रीकृष्णजी कहते हैं, ‘‘सभी प्रवाहों में मैं गंगा हूं ।’’
२. इसलिए गंगास्नान प्रासादिक है । गीता के वचनों के साथ छेडछाड कर कुंभस्नान के प्रति हिन्दुआें में भ्रम फैलानेवाले हिन्दू धर्मविरोधी हैं । स्कंद पुराण में दिए गए वचन में कहा गया है, ‘कुंभपर्व में स्नान करने से अत्यंत पुण्य मिलता है ।’
३. वेद-पुराणों के वचनों के प्रति श्रद्धा रखकर करोडों श्रद्धालु गंगास्नान करते हैं । उनकी श्रद्धा के साथ खिलवाड कर ‘ज्ञान-गंगा’ और ‘अंधविश्वास भक्ति खतरा-ए-जान’ इन पुस्तकों का प्रचार किया जा रहा है ।
४. उत्तर प्रदेश के लोकप्रिय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इन पुस्तकों के विरुद्ध तुरंत कार्यवाही कर हिन्दू समाज को आश्वस्त करें ।
५. ‘अंधविश्वास-भक्ति खतरा-ए-जान’ इन शब्दों से ही यह निधर्मी शक्तियों का आक्रमण है, इसका हम अनुमान लगा सकते हैं । हम अखिल भारतीय अखाडा परिषद से यह आवाहन कर रहे हैं कि ऐसी शक्तियों को कुंभक्षेत्र में प्रवेश करने न दिया जाए ।
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