आतंकी याकूब मेमन की फांसी पर रात को ३ बजे सुनवाइ देनेवाला सर्वोच्च न्यायालय राम मंदिर पर तारीख पे तारीख देता है ! – सम्पादक, हिन्दुजागृति
नई दिल्ली : मंगलवार को अयोध्या मामले पर होने वाली सुनवाई एक बार फिर से टल गई है, २९ जनवरी को जस्टिस बोबडे के छुट्टी पर होने की वजह से सुनवाई की तारीख को आगे बढा दिया गया है। फिलहाल अगली सुनवाई की तारीख के बारे में जानकारी नहीं हो पाई है। बता दें कि, दो दिनों पहले ही जस्टिस रंजन गोगाई ने अयोध्या मामले पर सुनवाई के लिए नई बेंच का गठन किया था। इस बेंच में जस्टिस डी. वाई चंद्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस अब्दुल नजीर और जस्टिस एस ए बोबडे का नाम शामिल है। वहीं इससे पहले पिछली सुनवाई (10 जनवरी) के दौरान मुस्लिम पक्षकारों के वकील राजीव धवन द्वारा आपत्ति जताये जाने के बाद जस्टिस यू यू ललित ने खुद को इस केस से अलग कर लिया था।
१० जनवरी को सुनवाई के लिए पीठ के बैठते ही मुस्लिम पक्ष की ओर से पेश वरिष्ठ वकील राजीव धवन ने मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई (CJI Ranjan Gogoi) की अध्यक्षता वाली पीठ को बताया कि जस्टिस ललित उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह की पैरवी करने के लिए १९९४ में अदालत में पेश हुए थे। हालांकि, धवन ने कहा कि वह जस्टिस ललित के मामले की सुनवाई से अलग होने की मांग नहीं कर रहे, किंतु न्यायाधीश ने खुद को मामले की सुनवाई से अलग करने का फैसला किया।
बता दें, सर्वोच्च न्यायालय की तीन सदस्यीय पीठ ने पिछले साल २७ सितंबर को २:! के बहुमत से मामले को सर्वोच्च न्यायालय के १९९४ के एक फैसले में की गई उस टिप्पणी को पुनर्विचार के लिये पांच सदस्यीय संविधान पीठ के पास भेजने से मना कर दिया था, जिसमें कहा गया था कि मस्जिद इस्लाम का अभिन्न हिस्सा नहीं है। मामला अयोध्या भूमि विवाद मामले पर सुनवाई के दौरान उठा था। जब मामला चार जनवरी को सुनवाई के लिए आया था तो इस बात का कोई संकेत नहीं था कि भूमि विवाद मामले को संविधान पीठ को भेजा जाएगा क्योंकि सर्वोच्च न्यायालय ने बस इतना कहा था कि इस मामले में गठित होने वाली उचित पीठ १० जनवरी को अगला आदेश देगी।
स्त्रोत : खबर एनडीटीव्ही