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भारत-नेपाल सीमा पर इलाज की आड में कराया धर्म परिवर्तन, पादरी धर्मेंद्र के खिलाफ केस दर्ज

ये है ईसाई पादरीयों का असली रूप ! इसे राेकने लिए धर्मांतरण प्रतिबन्ध कानून लाने की मांग करें ! – सम्पादक, हिन्दुजागृति

बहराइच : भारत-नेपाल की सीमा पर धर्म परिवर्तन का मामला सामने आने के बाद प्रशासन में हडकंप मच गया। सीमा से सटे रुपईडीहा थाना के केवलपुर के मजरा रानीपुरवा में पुलिस ने धर्म परिवर्तन के लिए प्रलोभन देनेवाले पादरी के खिलाफ मामला दर्ज किया है। इससे पहले भी इलाके में धर्म परिवर्तन की कई घटनाएं हो चुकी हैं। इंडो-नेपाल सीमा पर ईसाई मिशनरी का एक चर्च है। वहीं पर प्रेम सेवा क्लिनिक नाम का अस्पताल भी है जहां पर स्थानीय गरीब तबके के लोग उपचार कराने आता हैं।

बीमारी का इलाज करने के बहाने बना दिया ईसाई

क्षेत्र के रानीपुरवा गांव के रहनेवाले रमेश गौतम अपनी पत्नी आरती देवी का इलाज कराने के लिए रुपईडीहा के प्रेम सेवा क्लिनिक लेकर गए थे। क्लिनिक में मौजूद पादरी धर्मेंद्र ने उनसे कहा कि आरती देवी के एक नहीं कई भूत हैं ! उन्होंने रमेश से अपनी पत्नी को लेकर नेपाली गांव जैसपुर स्थित अपने घर पर ले आने को कहा। पादरी ने कहा कि वह उनके लिए प्रभु यीशु से दुआ करेंगे। रमेश जब अपने परिवार के साथ उनके घर पहुंचा तो उन्होंने कहा कि वह अब किसी देवी-देवता की पूजा नहीं करेगा। उन्होंने उसे केवल यीशु की अराधना करने को कहा !

पुलिस ने दर्ज किया मामला

पादरी ने कहा इससे तुम्हारी पत्नी ठीक हो जाएगी। पादरी के बहकावे में आकर रमेश ने अपनी पत्नी के अलावा मां अनीता देवी, पिता लक्ष्मण तथा अपने बच्चों के साथ ईसाई धर्म अपना लिया। उसने अपने घर से सभी देवी-देवताओं की मूर्तियां हटा दीं। गांव के लोगों को जब इस बात की जानकारी हुई तो उन्होंने पुलिस को सूचित किया। गांववालों का कहना है कि पादरी के संपर्क में आने के बाद ही ईसाई रीति से प्रार्थना करने लगा है। एएसपी रवींद्र सिंह ने बताया कि आरोपी पादरी धर्मेंद्र के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरु कर दी गई है।

स्त्रोत : नवभारत टाईम्स

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