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सनातन प्राचीन संस्कृति का ज्ञान छात्रों को आत्मसात करना आवश्यक ! – रमेश शिंदे, राष्ट्रीय प्रवक्ता, हिन्दू जनजागृति समिति

भोसरी (पुणे) के ‘भारत गौरव मंथन’ कार्यक्रम में हिन्दू जनजागृति समिति सम्मिलित

रमेश शिंदे, राष्ट्रीय प्रवक्ता, हिन्दू जनजागृति समिति

भोसरी : ‘मिशन इको-भारत’ के अंतर्गत महामही तेजस्वन श्री श्री श्री एम्केसी रुद्रगुप्तपदाचार्य महाराज के मार्गदर्शनतले २० से २३ जनवरी इस कालावधी में पांजरपोळ ट्रस्ट की गोशाला के प्रांगण में ‘भारत गौरव मंथन’ इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया था । २१ जनवरी को दोपहर के सत्र में हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. रमेश शिंदे वक्तव्य कर रहे थे । उस समय उन्होंने यह प्रतिपादित किया कि, ‘‘सनातन संस्कृति वेदों से उत्पन्न हुई है । वर्तमान की मेकॉलेप्रणित शिक्षणव्यवस्था में सनातन संस्कृति का अभ्यास करने की सुविधा न होने के कारण भारतियों के गौरवशाली इतिहास के संदर्भ में लोग अनभिज्ञ हैं । शून्य की जांच, गुरुत्वाकर्षण की जांच, कालमापन पद्धति, अंकशास्त्र, ज्योतिषशास्त्र, आयुर्वेद, स्थापत्यशास्त्र, संगीत इत्यादि विद्याओं में प्राचीन भारतीय संस्कृति श्रेष्ठ थी । इन्हीं बातों का ज्ञान आत्मसात करने की आवश्यकता है ।’’

साथ ही उस समय श्री. रमेश शिंदे ने प्राचीन भारतीय शिक्षणव्यवस्था, गौरवशाली इतिहास, वेदविद्या के प्रकार इस संदर्भ में भी गहरा
मार्गदर्शन किया । श्री. अशोक देशमुख ने कार्यक्रम का सूत्रसंचलन किया । तीन दिन के इस कार्यक्रम में ‘प्राचीन भारतीय संस्कृति’ इस
विषय के पृथक पैलुओं पर व्याख्यानों के माध्यम से प्रकाश डाला गया ।

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