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धर्मसंसद के माध्यम से धर्मसत्ता राजसत्ता पर अंकुश लगाए ! – सद्गुरु (डॉ.) चारुदत्त पिंगळेजी

कुंभपर्व प्रयागराज २०१९

सद्गुुरु (डॉ.) चारुदत्त पिंगळेजी

प्रयागराज (कुंभनगरी, उत्तर प्रदेश) : हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सद्गुुरु (डॉ.) चारुदत्त पिंगळेजी ने मार्गदर्शन करते हुए ऐसा प्रतिपादित किया कि धर्मसंसद के माध्यम से धर्मसत्ता राजसत्तापर अंकुश लगाया जाना चाहिए । सनातन संस्था एवं हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से ‘राममंदिर’ विषय पर आयोजित फेसबुक लाईव में वे ऐसा बोल रहे थे । इस अवसर पर सनातनसंस्था के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. चेतन राजहंस ने भी अपने विचार व्यक्तकिए ।

सद्गुुरु (डॉ.) चारुदत्त पिंगळेजी ने आगे कहा, ‘‘इस धर्मसंसद द्वारा ही धर्म से संबंधित सभी निर्णय किए जाने चाहिएं । इसमें केवल हिन्दुआें की समस्याआें पर ही नहीं, अपितु उसके समाधन के विषय में भी चर्चा कर उसके क्रियान्वयन के लिए सभी राजनीतिक दलों पर दबाव बनाया जाना चाहिए। जिस प्रकार से अल्पसंख्यकों को संरक्षण दिया गया है, उसी प्रकार से सनातन धर्म को भी संरक्षण दिया जाना चाहिए । धर्मसंसद को हिन्दूहित के निर्णय लेकर राजसत्ता पर धर्मसत्ता का अंकुश है, यह दिखा देना चाहिए । राममंदिर के निर्माण के लिए सभी राजनीतिक दलों पर दबाव बनाना आवश्यक है ।’’ श्री. चेतन राजहंस ने ‘क्या राममंदिर के निर्माण के लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति अल्प पड रही है ?’ तथा ‘धर्मसंसद से हिन्दुआें की क्या अपेक्षाएं हैं ?, इन विषयों पर मार्गदर्शन किया ।

लगभग ४ सहस्र ५०० से भी अधिक लोगों ने इस फेसबुक लाईव का कार्यक्रम का लाभ उठाया, तो ८५ से भी अधिक लोगों ने उसपर अपने अभिप्राय व्यक्त किए और १३१ लोगों ने उसे दूसरों के साथ शेयर किया ।

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