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हिन्दू राष्ट्र स्थापना का कार्य में सत्त्वगुणी उद्योगपतियों और व्यावसायियों को योगदान महत्त्वपूर्ण !

रामनाथी, गोवा के सनातन आश्रम में ‘उद्योगपति साधना शिविर’ का प्रारंभ

दीपप्रज्वलन करते हुए बाईं ओर श्री. प्रसाद सकरी एवं श्री. नागेश गाडे

रामनाथी (गोवा) : उद्योगपतियों को भावना के आवेश में आकर किसी की सहायता की अपेक्षा सत्पात्र दान देना चाहिए । संत, साथ ही राष्ट्र एवं धर्म हेतु कार्य करनेवाली संस्थाएं अथवा संगठनों के कार्य के लिए दान देना, तो धर्मकार्य में सहभाग ही होता है । हिन्दू राष्ट्र स्थापना के कार्य में सत्त्वगुणी उद्योगपतियों और व्यावसायियों का योगदान महत्त्वपूर्ण है । हिन्दू जनजागृति समिति के केंद्रीय समन्वयक श्री. नागेश गाडी ने ऐसा प्रतिपादित किया ।

यहां के सनातन आश्रम में हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से आयोजित ‘उद्योगपति साधना शिविर’ का आरंभ किया गया । उसमें वे ऐसा बोल रहे थे । शिविर का उद्देश्य स्पष्ट करते हुए श्री. गाडे ने आगे कहा, ‘‘धर्मकार्य में अन्य उद्योगपतियों को जोडकर उनका संगठन बनाना, हिन्दूद्वेषियों द्वारा आक्रमित हिन्दुआें की सहायता करना, आनेवाले संकटकाल में हिन्दुत्वनिष्ठों के लिए अन्न, वस्त्र और निवास का प्रबंध करवाना आदि के माध्यम से योगदान देने से उद्योगपतियों की समष्टि साधना ही होगी ।’’

२ से ४ फरवरी की कालावधि में यह शिविर होगा । बंगलुरू के उद्योगपति श्री. प्रसाद सकरी तथा श्री. नागेश गाडे ने दीपप्रज्वलन कर शिविर का उद्घाटन किया । इस शिविर में महाराष्ट्र एवं कर्नाटक के उद्योगपति सहभागी हुए हैं । इस अवसरपर अश्‍विनी कुलकर्णी ने उपस्थित उद्योगपतियों को सनातन संस्था तथा परात्पर गुुरु डॉ. आठवलेजी के कार्य का परिचय करवाया, तो हिन्दू जनजागृति समिति के दक्षिण गोवा समन्वयक श्री. सत्यविजय नाईक ने हिन्दू जनजागृति समिति के कार्य की जानकारी दी ।

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