प्रयागराज (कुंभनगरी) : धर्मप्रसार के कार्य में कार्यरत इस संस्था की देश को बहुत आवश्यकता है । संस्था को भारत के प्रत्येक जनपद में अपनी शाखा खोलनी चाहिए । इस में मैं वृंदावन क्षेत्र में संस्था के धर्मप्रसार का दायित्व स्वीकारने हेतु सिद्ध हूं और हम धर्मप्रसार हेतु हमारा वृंदावन का आश्रम समर्पित करते हैं । श्रीजीबाबा गोधाम के अध्यक्ष ब्रजभक्त तथा कथावाचक आचार्य रमाकांत गोस्वामी ने ऐसा प्रतिपादित किया । उन्होंने १ फरवरी को कुंभनगरी में सनातन संस्था की ओर से आयोजित ग्रंथप्रदर्शनी और हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से आयोजित फलक प्रदर्शनी का अवलोकन किया, तब वे ऐसा बोल रहे थे । इस अवसरपर हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सद्गुुरु (डॉ.) चारुदत्त पिंगळेजी नेे उन्हें ‘श्री गंगाजी की महिमा’ ग्रंथ भेंट कर सम्मानित किया ।
इस अवसरपर आचार्य रमाकांत गोस्वामी ने कहा कि संस्कृति के आचरण के संदर्भ में हिन्दुआें की स्थिति ‘न घर का और न घाट का’ की है । इस युग में तो कदम-कदमपर मार्गदर्शक की आवश्यकता होती है । आपकी इस प्रदर्शनी से ‘धर्माचरण कैसे करें’, ‘जन्मदिवस कैसे मनाएं’ के साथ अनेक प्रकार की जानकारी बहुत ही अच्छे प्रकार से दी गई है । आजकल विवाह समारोहों में लोग पाणिग्रहण विधि के लिए बहुत ही अल्प समय देते हैं; किंतु समारोह के छायाचित्र खींचने में अपना समय व्यर्थ गंवाते हैं । यह बहुत ही खेदजनक है । ‘धर्माचरण कैसे करें’, इस संदर्भ में आपका उद्बोधन का कार्य प्रशंसनीय है ।