देश में ४० सहस्र मंदिर गिराकर वहां मस्जिदों का निर्माण किए जाने के विषय में दिए गए वक्तव्य के कारण आक्रोश
लीग का पुलिस प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर आक्रोश
- देश के इतिहास में जो हुआ है, वही यदि कोई बता रहा हो, तो उसमें अयोग्य क्या है ? इसका विरोध करने का अर्थ इतिहास को अस्वीकार करने जैसा है । यह इतिहास से स्वयं के मूलपर प्रहार होने के कारण ही मुस्लिम लीग आक्रोशित है ।
- हिन्दुआें के मंदिरों को गिरानेवाले भारत के बाहर से आए मुसलमान आक्रांता थे । उनके साथ मुस्लिम लीग का क्या संबंध है ? और इस इतिहास को बताए जानेपर वे क्षुब्ध क्यों हो रहे हैं ?, ऐसे प्रश्न उपस्थित होते हैं !
- मुसलमान अपने आस्था केंद्रों के विषय में निरंतर जागृत होते हैं । कितने हिन्दू स्वयं के आस्था के केंद्रों के प्रति जागृत हैं ?
मंगलुरू (कर्नाटक) : हिन्दू जनजागृति समिति के कर्नाटक राज्य समन्वयक श्री. गुरुप्रसाद गौडा ने यह वक्तव्य देते हुए कहा था कि संपूर्ण देश में ४० सहस्र हिन्दू मंदिरों को गिराकर वहां मस्जिदों का निर्माण किया गया है । इसपर अखिल भारत मुस्लिम लीग की ओर से पुलिस आयुक्त टी.आर्. सुरेश को ज्ञापन सौंपा गया । इस ज्ञापन में कहा गया है कि ऐसे वक्तव्यों के कारण युवाआें में मुसलमान समुदाय के विरुद्ध अयोग्य संदेश जाता है और इस वक्तव्य में इससे सामाजिक सद्भाव को संकट उत्पन्न होकर हिन्दू युवाआें में मुसलमानों के प्रति धार्मिक विद्वेष उत्पन्न करने का कपट है । (मुस्लिम लीग जैसे संगठन देश की शांति को नष्ट करनेवाले जिहादी आतंकी संगठनों के विषय में तथा कश्मीर से ४.५ लाख हिन्दुआें को विस्थापित होनेपर बाध्य करनेवाले धर्मांधों के विषय में क्यों नहीं बोलते ? – संपादक, दैनिक सनातन पअभात)
ज्ञापन सौंपते समय अखिल भारत मुस्लिम लीग के राज्य उपाध्यक्ष सी. अहमद जमाल, राज्य समिति के सदस्य महम्मद ईस्माईल, नेता शरीफ, रियाज, इम्तियाज आदि उपस्थित थे । भारत एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र है तथा संविधान ने सभी धर्मियों को अपनी धार्मिक नीति के अनुसार जीने का अधिकार प्रदान किया है । (क्या भारत के धर्मांध संविधान के अनुसार आचरण करते हैं ?वे हिन्दुआें के त्योहारों में और अन्य समयपर भी दंगे करवाकर हिन्दुआें को कष्ट पहुंचाते है । इस विषय में मुस्लिम लीग चूप क्यों है ? – संपादक) ज्ञापन में यह भी कहा गया है कि ‘भारत को हिन्दू राष्ट्र घोषित किया जाए’, उनका यह वक्तव्य संविधानविरोधी और गंभीर है । (भारत का विभाजन तो धर्म के आधारपर ही किया गया था; इसलिए जिन्हें हिन्दू राष्ट्र शब्द से उदरशूल होता है, वे पाकिस्तान चले जाएं ! – संपादक, दैनिक सनातन पअभात)