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पोप फ्रांसिस ने माना चर्च में पादरी और बिशप करते हैं नन का यौन शोषण

स्वयं पोप ने ही ‘मानवतावादी’ तथा ‘प्रेम का संदेश फैलानेवाले’ चर्च के पादरियों का घिनौना चेहरा विश्व के सामने लाया है । भारत में हिन्दु संतोंपर केवल आरोप होनेपर भी बवाल मचानेवाली मिडीया तथा सेक्युलरवादी ब्रिगेड अब इस विषय पर चुप क्यों है ? – संपादक, हिन्दूजागृति

अबु धाबी : पोप फ्रांसिस ने सार्वजनिक मंच पर यह बात स्‍वीकार की है कि कैथोलिक चर्च के पादरियों और बिशप्‍स ने ननों का यौन शोषण किया है। पोप ने अपने यूएई दौरे से लौटते हुए मंगलवार को मीडिया से बातचीत करते हुए यह बात कही है। पोप का यह बयान उस समय आया है जब पिछले हफ्ते वेटिकन से निकलने वाली महिलाओं की मैगजीन में ननों के यौन शोषण के बारे में एक आर्टिकल आया था। इस मैगजीन में कहा गया था कि ननों के यौन शोषण की वजह से उन्‍हें या तो गर्भपात के लिए मजबूर होना पड़ता है या फिर ऐसे बच्‍चों को पालन-पोषण करना पडता है जिन्‍हें उनके पादरी पिता की ओर से कोई पहचान नहीं दी जाती है।

अभी तक मौजूद है यह समस्‍या

पोप फ्रांसिस ने फ्लाइट में मीडिया से बात की। उन्‍होंने कहा, ‘कुछ पादरी और बिशप्‍स हैं जिन्‍होंने यह काम किया है।’ पोप से ननों के यौन शोषण से जुड़ा एक सवाल पूछा गया था। मैगजीन के अंक ने पिछले वर्ष सुर्खियां बटोरी थीं जिसमें केरल के बिशप पर वेटिकन स्थित चर्च में एक नन के ब्‍लात्‍कार का आरोप लगा था। पोप ने कहा कि यह समस्‍या कहीं भी हो सकती है लेकिन कुछ समूहों और कुछ क्षेत्रों में यह विशाल स्‍तर पर है।

बहुत कुछ किया जाना बाकी

पोप ने कहा, ‘मुझे लगता है कि यह अभी तक जारी है।’ उनका कहना था कि चर्च ने पूर्व में कई पादरियों को हटाया है और वेटिकन पिछले कई समय से इस मुद्दे पर काम कर रहा है। हालांकि उन्‍होंने कहा कि इसमें अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है। पोप ने आगे कहा कि वह यह नहीं सुनना चाहते हैं कि चर्च में यह समस्‍या अभी तक है। इसलिए इस दिशा में और ज्‍यादा काम किए जाने की जरूरत है।

महिलाओं को दूसरे दर्जे का समझते हैं कुछ लोग

पोप ने यह भी कहा कि उन संस्‍कृतियों में यह समस्‍या है जहां पर महिलाओं को दूसरे दर्जे का समझा जाता है। वेटिकन से पब्लिश होने वाली मैगजीन, ‘वीमेन चर्च वर्ल्‍ड,’ एक सप्‍लीमेंट है। इसे वेटिकन के ओस्‍सेरवाटोर रोमानो न्‍यूजपेपर के साथ वि‍तरित किया जाता है। इस मैगजीन में कहा गया है कि पिछले कई दशकों से नन डर की वजह से इस पूरे मसले पर चुप्‍पी साधे हुए हैं। मैगजीन में कहा गया है कि वेटिकन को अफ्रीका में साल 1990 में पादरियों की ओर से ननों के यौन शोषण के बारे में जानकारी मिली थीं।

केरल के पादरी पर लगा आरोप

केरल के बिशन फ्रैंको मुलाकक्‍कल को 21 सितंबर 2018 को केरल में गिरफ्तार किया गया था। उन पर आरोप लगे थे कि उन्‍होंने साल 2014 से 2016 तक 13 बार एक नन का बलात्‍कार किया। पोप फ्रांसिस ने उन्‍हें अगले ही दिन सस्‍पेंड कर दिया था और सस्‍पेंशन के अगले दिन उन्‍हें गिरफ्तार कर लिया गया था। 53 वर्षीय मुलाकक्‍कल ने हालांकि इन आरोपों से साफ इनकार कर दिया था। नन ने पहली बार जून में इस पर बात की थी लेकिन पुलिस सितंबर तक सिर्फ औपरचारिक पूछताछ ही कर रही थी।

संदर्भ : वन इंडिया

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