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विद्यालयीन पाठ्यक्रम में धर्मशिक्षा के अंतर्भाव की आवश्यकता ! – आनंद प्रकाश ब्रह्मचारी महाराज, हरिद्वार

प्रयागराज कुंभपर्व में सनातन संस्था एवं हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा आयोजित प्रदर्शनी में विविध संत-महंत और विदेशी श्रद्धालुआें द्वारा उत्स्फूर्त प्रत्युत्तर !

आनंद प्रकाश ब्रह्मचारी महाराज (दाहिनी ओर) को हिन्दू जनजागृति समिति की प्रसारसामग्री भेंट करते हुए सद्गुुरु (डॉ.) चारुदत्त पिंगळेजी

प्रयागराज (कुंभनगरी, उत्तर प्रदेश) : उत्तराखंड के हरिद्वार के आनंद प्रकाश ब्रह्मचारी ने विद्यालयीन शिक्षा में धर्मशिक्षा का अंतर्भाव करने की आवश्यकता प्रतिपादित की । सनातन संस्था एवं हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से कुंभनगरी में आयोजित ग्रंथ एवं धर्मशिक्षा फलक प्रदर्शनी के अवलोकन के पश्‍चात उन्होंने यह मत व्यक्त किया । इस अवसरपर हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सद्गुुरु (डॉ.) चारुदत्त पिंगळेजी ने उन्हें सम्मानित किया ।

आनंद प्रकाश ब्रह्मचारी महाराज ने आगे कहा कि यह प्रदर्शनी बहुत अच्छी है और हिन्दुआें के लिए प्रेरणादायक है । इस प्रदर्शनी में सनातन हिन्दू संस्कृति को पुनर्प्रस्थापित करने की तथा हिन्दुआें को जागृत होने की आवश्यकता क्यों है, इसकी जानकारी दी गई है । कुंभपर्व में सनातन की यह प्रदर्शनी वास्तव में ही ‘सनातन’ का दर्शन करवा रही है । इस प्रदर्शनी में बताए गए धर्मशिक्षा के सूत्रों का ज्ञान बच्चों को पहली कक्षा से ५वीं कक्षा में दिया जाना चाहिए । इससे बच्चों को भारतीय संस्कृति की जानकारी मिलेगी और उससे सनातन धर्म सशक्त बनकर भारत शक्तिशाली बनेगा ।

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