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आगामी चुनाव में हिन्दुओं की न्यायोचित माँगों की परिपूर्ति हो ! – श्री. कपिल मिश्र

सनातन संस्था के शिविर में हिन्दू चार्टर पर प्रेसवार्ता

बार्इं आेर से सदगुरु डॉ. चारुदत्त पिंगले जी, निर्दलीय विधायक श्री. कपिल मिश्रा तथा श्री. चेतन राजहंस

प्रयागराज : आगामी चुनाव में हिन्दुओंकी न्यायोचित माँगोंकी परिपूर्ति हो, इस दृष्टि से प्रयागराज के कुंभ क्षेत्र में सनातन संस्था के शिविर में हिन्दुओं का घोषणापत्र (हिन्दू चार्टर) पर प्रेसवार्ता की गयी ।

प्रेसवार्त के आरंभ में सनातन संस्था के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. चेतन राजहंस जी ने राजनीति धर्म का एक अंग है यह बताया है । विशेष अतिथि तथा दिल्ली के निर्दलीय विधायक श्री. कपिल मिश्र जी ने हिन्दू चार्टर के निम्नलिखित सुत्र बताये ।

हिन्दूओं को धर्म और आस्थाके मामलों में समान अधिकार प्रदान करने के लिए, श्री. सत्यपाल सिंह जी के 2016 के निजी सदस्य विधेयक को लोकसभा पारित करना, जिसमे :

१. मंदिरों एवं देवस्थानों का सुचारु प्रबंधन (मंदिर और धार्मिक संसथान) करने का अधिकार देना ।

२. हिन्दुओं को सरकारी योजनाओं, छात्रवृत्ति एवं विभिन्न लाभों के लिए समानाधिकार देना ।

३. शैक्षिक संस्थानों में पारंपरिक भारतीय ज्ञान और भारत के प्राचीन ग्रंथों के शिक्षण को बढ़ावा देना ।

४. सरकार और अन्य एजेंसियों द्वारा हिन्दू संस्थानों में हो रहे अनुचित हस्तक्षेप को रोकना और हिन्दुओं को अपनी पसंद के शैक्षणिक संस्थानों की स्थापना और प्रशासन करने का समान अधिकार देना ।

५. वर्तमान एफ.सी.आर.ए अधिनियम को पूरी तरह रद्द करना और एफ.सी.आर.ए के माध्यम से आ रहे विदेशी धन प्रवाह को प्रतिबंधित करना (केवल ओ.सी.आई के द्वारा अनुदानित धन को छोड़कर ) और विदेशी सरकारों के द्वारा हमारी न्यायपालिका, कानून और नीति बनाने में हो रहे हस्तक्षेप का अंत करना ।

६. हिन्दू सभ्यता और भारतीय परंपराओं के प्रचार और प्रसार को बढ़ावा देने के लिए और उनमे किसी भी तरह का न्यायिक एवं सरकारीहस्तक्षेप रोकने के लिए धर्म की स्वतंत्रता अधिनियम को अधिनियमन करना एवं पारित करवाना ।

७. संविधान के अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35 (ए) को रद्द करना एवं जम्मू-कश्मीर के जम्मू, कश्मीर और लद्दाख को तीन अलग राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों में विभाजित करना ।

८. भारत से गोमांस के निर्यात पर पूर्ण प्रतिबंध लगाना ।

९. हिन्दू (मूल भारतीय) साहित्य, कला, नृत्य, संस्कृति और परंपराओं के संरक्षण और प्रचार के लिए एवं जीर्ण शीर्ण मंदिरों और वास्तुकला की बहाली के लिए कम से कम 10,000 करोड़ के बीज निधि के साथ हैन्दव संस्कृति जीर्णोद्धार निगम (सी.पी.एस.यू) की स्थापना करना ।

१०. नए नागरिकता अधिनियम विधेयक के अधिनियमन के द्वारा, मूल भारतीय धर्मों (हिन्दू, सिख, जैन और बौद्ध) के अनुयायी, जिन्हे विश्व में कहीं भी प्रताड़ित किया जा रहा हो, को नागरिकता की गारण्टी देना और मौजूदा नागरिकता अधिनियम विधेयक के सभी संशोधन को वापस लेना।

अन्तमे हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगले जी मे बताया हिन्दू अब जागरूक हो रहा है इसलिए राजनीति हिन्दुत्व की और झुक रही है ।

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