Menu Close

धारमें आचार्य धर्मेंद्रजीके साथ नियोजन करने हेतु ली गई भेंटमें समझमें आए सूत्र

फाल्गुन शुक्ल पक्ष सप्तमी, कलियुग वर्ष ५११४

श्री आचार्य धर्मेंद्रजी महाराज

श्री आचार्य धर्मेंद्रजी महाराज

1. आचार्य धर्मेंद्रजीद्वारा कुछ पीडितोंके घर जाकर हिंम्मत बंधाना तथा हिंदू धर्मके लिए लडनेवाले युवकोंके मां-बापकी स्तुति करना !

आचार्य धर्मेंद्रजीने लाठीहमलेमें आहत हुए धार-महूके कुछ पीडितोंके घर जाकर हिंम्मत बंधाई । उन्हें प्रेमसे किंतु कठोर शब्दोंमें अपनापन दिखाया । उनके घरवाललोंको आचर्यजीने बताया, ‘मैं आप लोगोंको केवल आश्वासन नहीं दे रहा हूं; किंतु जब तक ये सारे लोग छूटकर नहीं आ जाते, मैं शांतिसे नहीं बैठूंगा । जिन लोगोंने कष्ट दिए हैं, उन्हें शासन दंडित किए बिना चुप नहीं रहुंगा । आप सब लोग धन्य हैं । आपने ऐसे बच्चोंको जनम दिया है, मुझे आपर गर्व है । ये बच्चे ही अपने भविष्य हैं ।’

२. स्त्रियोंद्वारा अनुचित पद्धतिसे कुमकुम लगाए जानेपर उन्हें ज्ञान देना !

हर घरमें जाकर स्त्रियोंके माथेपर अनुचित पद्धतिसे टीका लगानेपर आचार्य धर्मेंद्रजीने उनका प्रबोधन किया । हर स्त्रीको उचित पद्धतिसे कुमकुम लगानेको कहा । उसी प्रकार घरमें लगाए गए विकृत चित्र (टोपीसे मुंह ढकी युवती या प्रणियोंके चित्र ) निकलवाए ।

३. विश्व हिंदू परिषदकी एक शाखामें हिंदू जागरण मंचके धारस्थित कार्यकर्ता श्री. हरीराम पटेलकी नियुक्ति करना तथा उनका सम्मान करना !

विश्व हिंदू परिषदकी एक शाखामें हिंदू जागरण मंचके धारस्थित कार्यकर्ता श्री. हरीराम पटेलको गायोंकी रक्षाके लिए किए गए प्रशंसनीय कार्यके लिए भारतीय गो-विज्ञान समितिके प्रांतीय संयोजकके रूपमें भारतीय गो-विज्ञान समितिके संरक्षक मेघराज जैन एवं राष्ट्रीय संयोजक सुरेश सेनने नियुक्त किया था । इस कार्यके लिए २५ अगस्त २००८ को उन्हें चांदीकी गो-प्रतिमा, शाल, श्रीफल एवं प्रमाणपत्र देकर उनका इंदौर गो-सेवा भारती संस्थाद्वारा इंदॉरमें सत्कार किया गया ।

४. गोमांस लेकर जानेवाले १२ कंटेनर पुलिसको सौंपकर उसकी कार्यवाही पूरी करनेवाले श्री. हरीराम पटेलको विश्व हिंदू परिषदद्वारा संगठनसे निकाल देना !

दूसरे ही दिन श्री. पटेलने धारसे गोमांस लेकर जानेवाले १२ कंटेनर ( उनमेंसे एक कंटेनरपर,.‘ऑन गवर्नमेंट ड्यूटी जयपुर दूध संघ’ लिखा था ) पकडकर नियंत्रणमें लेनेके लिए पुलिसको बाध्य किया । उस समय विश्व हिंदू परिषदके विभाग संगठनके कार्यकर्ताने तुरंत भ्रमणभाष करके यह कंटेनर छोड देनेको कहा । श्री. पटेलने उनकी एक भी न सुनते हुए कार्यवाही पूरी की । उसके फलस्वरूप दूसरे दिन उन्हें वहांके विश्व हिंदू परिषदद्वारा संगठनके सारे दायित्वसे मुक्त कर दिया गया । इसके पश्चात भी वे गोरक्षाका कार्य कर रहे हैं । यह बात स्वयं श्री. हरीराम पटेलजीने आचार्य धर्मेंद्रजीको बताई । – श्री. विनय पानवळकर, मध्यप्रदेश
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

Related News

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *