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धर्म की शाश्वत रक्षा करने के पश्चात् ही धर्म एवं कार्य सफल होता है ! – पंडित कैलाशचंद शर्मा

पंडित कैलाशचंद शर्मा (बार्इं ओर) के साथ विचारविमर्श करते हुए सदगुरु (डॉ.) चारुदत्त पिंगळे (दायी ओर)

प्रयागराज (कुंभनगरी) : यहां सनातन संस्था तथा हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से आयोजित की गई ‘ग्रंथ एवं धर्मशिक्षण’ फलक
प्रदर्शनी को ६ फरवरी को बुलंद (उत्तरप्रदेश) के पंडित कैलाशचंद शर्मा ने भेंट दी । उस समय उनके साथ सर्वश्री महेश शर्मा, पवनकुमार शर्मा तथा रामकिशोर शर्मा उपस्थित थे । उनके साथ हिन्दु जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सद्गुरु (डॉ.) चारुदत्त पिंगळे ने ‘राष्ट्र आणि धर्म’ कार्य के विषय पर विचारविमर्श किया । उस समय पंडित कैलाशचंद शर्मा ने यह प्रतिपादित किया कि, ‘सनातन की प्रदर्शनी के स्थल पर आकर मुझे अत्यंत अच्छा प्रतीत हुआ । धर्मकार्य के अतिरिक्त अन्य कोई भी कार्य अच्छा नहीं हो सकता । धर्म बचाने के लिए किए जानेवाले कार्य की अपेक्षा महान धर्मकार्य हो ही नहीं सकता । हम यज्ञ, पूजा, पाठ के साथ अन्य धार्मिक कार्य करते हैं; किंतु धर्म के बिना यह कार्य ही नहीं हो सकता । यदि हम धर्म की शाश्वत रक्षा करेंगे, तो ही धर्म एवं कार्य सफल हो सकता है । केवल परंपरा से कार्य नहीं होता ।’

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