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भारतीय सेनापर किए गए आक्रमण का संपूर्ण देश में राष्ट्रप्रेमियों में क्षोभ व्यक्त !

संपूर्ण देश में हिन्दू जनजागृति समिति सहित राष्ट्रप्रेमी संगठन एवं राजनीतिक दलों ने २५ से अधिक स्थानों पर आंदोलन के माध्यम से किया निषेध !

प्रयागराज में आंदोलन करते हुए साधु-संत एवं हिन्दुत्वनिष्ठ

मुंबई/नई देहली : जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जनपद के गोरीपुरा के महामार्ग से जा रहे सीआर्पीएफ् के काफिलेपर आतंकियों द्वारा किए गए आक्रमण में ४२ पुलिसकर्मियों के वीरगति को प्राप्त होने के पश्‍चात संपूर्ण देश में राष्ट्रप्रेमी और हिन्दुत्वनिष्ठों में क्षोभ प्रकट हो रहा है । देश के विविध स्थानोंपर हिन्दू जनजागृति समितिसहित समस्त हिन्दुत्वनिष्ठ संगठन, अनेक राष्ट्रप्रेमी संगठन और राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताआें ने निषेध कीा जोरदार घोषणाएं कर पाकिस्तानपर प्रतिआक्रमण की मांग की । उत्तर भारत के प्रयागराज एवं आगरा में; कर्नाटक के ९ स्थानोंपर, तो महाराष्ट्र के मुंबई, ठाणे, नािुसक, नगर, जलगांव, कोल्हापुर, साथ ही गोवा आदि स्थानोंपर हिन्दुत्वनिष्ठों ने सरकार से पाकिस्तान के विरुद्ध सैन्य कार्यवाही कर उसे नामशेष करने की मांग की ।

पाकिस्तान के विरुद्ध सैन्य कार्यवाही कर उसे नामशेष करें ! – राष्ट्रप्रेमियों की मांग

राष्ट्रप्रेमियों ने यह मांग की है कि केंद्रीय राखीव पुलिस बल के पुलिसकर्मियोंपर किए गए इस आक्रमण का प्रतिशोध लेने के लिए केंद्र शासन को जनभावना का सम्मान करते हुए आतंकवाद की निर्मिती का केंद्र बन चुके पाकिस्तान के विरुद्ध तुरंत कार्यवाही कर उसे नामशेष कर दिया जाए, साथ ही कश्मीर में स्थित अलगाववादियों की दी गई सुरक्षा को वापस लेकर उन्हें अन्य राज्यों में स्थित कारागृह में डाल दिया जाए । १५ फरवरी को हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा देश के विविध स्थानोंपर इस आक्रमण के विरुद्ध आंदोलन चलाए गए । इन आंदोलनों में राष्ट्रप्रेमियों द्वारा उपर्युक्त मांगें की गईं ।

इन आंदोलनों में समिति ने कहा कि ‘सर्जिकल स्ट्राईक’ कर भी पाकिस्तान के आचरण में कोई बदलाव नहीं आया है । भारतीय सैनिकों को मार देना, आतंकी और पाकिस्तानी सैनिकों की छद्म युद्ध का ही भाग है । और कितने सैनिक मतारे जानेपर भारतीय राज्यकर्ता जग जाएंगे ? केवल राजनीतिक इच्छा के कारण यदि शत्रुराष्ट्र द्वारा भारतीय सैनिकों की बलि चढती हो, तो आनेवाले समय में देशभर में सैनिकोंसहित अस्थिरता का वातावरण बनने में समय नहीं लगेगा । अमेरिकन नागरिकोंपर आक्रमण किए जाने की केवल पूर्वसूचना मिलते ही अमेरिका ने २० इस्लामी देबंशों में विद्यमान अपने दूतावास बंद किए । इसका अध्ययन का अब भारत को पाकिस्तान को विविध स्तरोंपर उसका स्थान दिखा देना चाहिए । भारत को भारतीय सैनिकों की हत्याएं करनेवाले पाकिस्तान के साथ किसी भी प्रकार की चर्चा न कर सीधी सैनिकी कार्यवाही कर प्रत्युत्तर करना चाहिए ।

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