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राष्ट्र एवं धर्मरक्षा के कार्य के लिए सहायता करना भी धर्मकार्य में सहभागी होना ही है ! – नागेश गाडे

रामनाथी, गोवा के सनातन आश्रम में उद्योगपित साधना शिबिर

दीपप्रज्वलन करते हुए बाईं ओर से उद्योगपति श्री. गणेश महाजन एवं श्री. नागेश गाडे

रामनाथी (गोवा) : उद्योगपतियों को भावना के आवेश में आकर किसी की सहायता करने की अपेक्षा संत, साथ ही राष्ट्र एवं धर्म की रक्षा हेतु कार्य करनेवाली संस्थाएं अथवा संगठनों के कार्य के लिए दान देना चाहिए । यह धर्मकार्य में सहभाग ही है । हिन्दू राष्ट्र स्थापना के कार्य में सत्त्वगुणी उद्योगपति तथा व्यावसायियों का योगदान महत्त्वपूर्ण है । ६६ प्रतिश आध्यात्मिक स्तर प्राप्त हिन्दू जनजागृति समिति के केंद्रीय समन्वयक श्री. नागेश गाडे ने ऐसा प्रतिपादित किया ।

यहां के सनातन के आश्रम में हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से १२ से १४ फरवरी की कालावधि में ‘उद्योगपति साधना शिविर’ का आयोजन किया गया था । नांदेड (महाराष्ट्र) के उद्योगपति श्री. गणेश महाजन तथा श्री. नागेश गाडे के हस्तों दीपप्रज्वलन कर इस शिविर का उद् घाटन किया गया । इस अवसरपर इस शिविर का उद्देश्य स्पष्ट करते हुए श्री. गाडे ने आगे कहा, ‘‘अन्य उद्योगपतियों को धर्मकार्य से जोडना, उनका संगठन बनाना, हिन्दूविरोधियों द्वारा आक्रमित हिन्दुआें की सहायता करना, आगे आनेवाले संकटकाल में हिन्दुत्वनिष्ठों के लिए अन्न, वस्र एवं आश्रय का प्रबंध कराना आदि पद्धति से योगदान देने से उद्योगपतियों की समष्टि साधना ही होगी ।’’

इस ३ दिवसीय शिविर में महाराष्ट्र और कर्नाटक राज्यों के १० उद्योगपति सहभागी थे । इस शिविर में हिन्दू जनजागृति समिति की अश्‍विनी कुलकर्णी ने सनातन संस्था एवं परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी के कार्य की, साथ ही हिन्दू राष्ट्र की मौलिक संकल्पना और आवश्यकता के विषय में जानकारी दी । श्री. नागेश गाडे ने व्यापार क्षेत्र में कार्य करते समय स्वयं में विद्यमान षड्रिपुआें के कारण उत्पन्न तनाव तथा उसपर विजय पाकर आनंदित कैसे रहा जा सकता है तथा गुरुकृपायोग के अनुसार साधना कैसे करें ?, इस विषय की जानकारी दी । तो ६२ प्रतिशत आध्यात्मिक स्तर प्राप्त कु. वृषाली कुंभार ने ‘तनावमुक्ति के लिए स्वभावदोष निर्मूलन प्रक्रिया’ विषयपर मार्गदर्शन किया । श्रीमती स्मिता खरे ने एस्.एस्.आर्.एफ्. द्वारा देश-विदेश में किए जा रहे कार्य की जानकारी दी । शिविर में ‘हिन्दू राष्ट्र स्थापना के कार्य में उद्योगपतियों का योगदान’ विषयपर ली गई परिचर्चा में उद्योपतियों ने उत्स्फूर्त सहभाग लिया ।

इस अवसरपर महर्षि अध्यात्म विश्‍वविद्यालय का शोधकार्य, सनातन संस्था एवं हिन्दू जनजागृति समिति के विरुद्ध लगाए जा रहे झूठे आरोप और वास्तविकता, अनिष्ट शक्तियों के कारण होनेवाले कष्ट और आध्यात्मिक उपाय के विषय में मार्गदर्शन किया गया । शिविर के समापन के समय में उपस्थित उद्योगपतियों ने अपना मनोगत व्यक्त किया ।

१. सनातन आश्रम आनेपर बहुत अच्छा लगा । इससे पहले मैने संस्था के विषय में जो सुना था, तो यहां आनेपर उससे अधिक देखने और सीखने के लिए मिला ।
– उद्योगपति श्री. गणेश महाजन, नांदेड

२. आश्रम का व्यवस्थापन आई.एस्.ओ. मानक से भी उत्तम है !
– उद्योगपति श्री. अजित यादव, बेळगाव (कर्नाटक)

३. शिविर में विविध बातें सीखने के लिए मिलीं और उनका साधना की दृष्टि से लाभ मिला ।
– उद्योगपति श्री. दिनेश चासकर, नई मुंबई

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