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मुझपर भले ही वैधानिक न्यायालयीन कार्यवाही हो, (अंध)श्रद्धाविरोधी विधेयकको मेरा विरोधही रहेगा

फाल्गुन शुक्ल १०, कलियुग वर्ष ५११४

कोल्हापूर ( महाराष्ट्र ) – प्रस्तावित (अंध)श्रद्धाविरोधी विधेयक वारकरियोंके विरोधमें सिद्ध किया जा रहा है, इसकी ओर वारकरियोंको ध्यान देना आवश्यक है । यदि यह विधेयक संमत हो जाता है, तो वारकरियोंके कीर्तन, प्रवचन एवं हरिपाठ करनेपर प्रतिबंध लगाए जाएंगे । यदि ऐसा हुआ तो इस विधेयककी धारानुसार वारकरियोंको दोषी समझकर बंदी बनाया जा सकता हैं । इसलिए वारकरि इस विधेयकका कडा विरोध करे । (अंध)श्रद्धाविरोधी विधेयकके विरोधमें मैं  प्रसार कर रहा हूं, इसलिए यदि शासन मुझपर वैधानिक कार्यवाही करती है, तो कोई बात नहीं; किंतु अंततक मैं इस विधेयकका विरोध ही करूंगा, इस प्रकारका निर्धार पंढरपूरके ह.भ.प. गुरुवर्य विवेकानंद वासकर महाराज (दादा महाराज)ने १९ मार्चको व्यक्त किया । ((अंध)श्रद्धाविरोधी विधेयकके विरोधमें ह.भ.प.विवेकानंद वासकर महाराज जैसा स्वाभिमान कितने लोग दिखाते हैं ! इस प्रकारके महात्मा ,संत,महंत,धर्माचार्य हिंदु धर्मकी शक्ति हैं । क्या ह.भ.प.वासकर महाराजकी इस कृतीसे बलाढ्य हिंदुत्ववादी संगठन कुछ सीख सकेंगे ? – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)

शाहू मार्केट यार्ड स्थित श्रीगणेश मंदिर एवं श्री विठ्ठल-रुक्मिणी मंदिरमें आयोजित श्री ज्ञानेश्वरी पठन समारोहमें वे  मार्गदर्शन कर रहे थे । यह समारोह १७ मार्चको आरंभ होकर २४ मार्चतक चलेगा । १९ मार्चको ३५० श्रध्दालूं इस समारोहमें उपस्थित थे ।

सार्थ तुकाराम गाथाको जलाना, बहुत बडी निंदनीय घटना है !

ह.भ.प.गुरुवर्य विवेकानंद वासकर महाराजने कहा, कोल्हापूरमें सार्थ तुकाराम गाथा जलाना, बडी  निंदनीय घटना है । वास्तवमें गाथा पांचवां वेद है । आजभी मानवको सतानेवाली विविध समस्याओंको सुलझानेके उपाय तुकाराम महाराजजी द्वारा गाथामें दिए हैं । गाथामें  गीतासमान श्रेष्ठ  तत्त्वज्ञान है । अमरिकाके  संसद भवनमें कामकाजमें गति लानेके हेतु वेदमंत्रपठन करनेके पश्चात  कामकाजका आरंभ किया जाता है । भारतकी संसदमें वेदमंत्रोंकों कोई  महत्त्व नहीं दिया जाता, यह दुर्भाग्यपूर्ण बात है ।

तुकाराम गाथा जलानेकी निंदनीय कार्यमें सम्मिलित दोषींपर कार्यवाही करने हेंतु  निरंतर प्रयास करते रहेंगे ।

हिंदू जनजागृती समितिके आधुनिक वैद्य श्री.मानसिंग शिंदे, सर्वश्री शिवानंद स्वामी, बाबासाहेब भोपळे तथा सागर शेटेजीने १९ मार्चको ह.भ.प.गुरुवर्य विवेकानंद वासकर महाराजका दर्शन किया । इस अवसरपर  ह.भ.प.वासकर महाराजने स्पष्ट किया कि, (अंध)श्रद्धाविरोधीfवधेयकका विरोध करनेके साथ-साथ तुकाराम गाथा जलानेवालोंपरभी कार्यवाही हो, इसके लिए, निरंतर प्रयास करते रहेंगे ।

स्त्रोतदैनिक सनातन प्रभात

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