फाल्गुन शुक्ल १०, कलियुग वर्ष ५११४
शाहू मार्केट यार्ड स्थित श्रीगणेश मंदिर एवं श्री विठ्ठल-रुक्मिणी मंदिरमें आयोजित श्री ज्ञानेश्वरी पठन समारोहमें वे मार्गदर्शन कर रहे थे । यह समारोह १७ मार्चको आरंभ होकर २४ मार्चतक चलेगा । १९ मार्चको ३५० श्रध्दालूं इस समारोहमें उपस्थित थे ।
सार्थ तुकाराम गाथाको जलाना, बहुत बडी निंदनीय घटना है !
ह.भ.प.गुरुवर्य विवेकानंद वासकर महाराजने कहा, कोल्हापूरमें सार्थ तुकाराम गाथा जलाना, बडी निंदनीय घटना है । वास्तवमें गाथा पांचवां वेद है । आजभी मानवको सतानेवाली विविध समस्याओंको सुलझानेके उपाय तुकाराम महाराजजी द्वारा गाथामें दिए हैं । गाथामें गीतासमान श्रेष्ठ तत्त्वज्ञान है । अमरिकाके संसद भवनमें कामकाजमें गति लानेके हेतु वेदमंत्रपठन करनेके पश्चात कामकाजका आरंभ किया जाता है । भारतकी संसदमें वेदमंत्रोंकों कोई महत्त्व नहीं दिया जाता, यह दुर्भाग्यपूर्ण बात है ।
तुकाराम गाथा जलानेकी निंदनीय कार्यमें सम्मिलित दोषींपर कार्यवाही करने हेंतु निरंतर प्रयास करते रहेंगे ।
हिंदू जनजागृती समितिके आधुनिक वैद्य श्री.मानसिंग शिंदे, सर्वश्री शिवानंद स्वामी, बाबासाहेब भोपळे तथा सागर शेटेजीने १९ मार्चको ह.भ.प.गुरुवर्य विवेकानंद वासकर महाराजका दर्शन किया । इस अवसरपर ह.भ.प.वासकर महाराजने स्पष्ट किया कि, (अंध)श्रद्धाविरोधीfवधेयकका विरोध करनेके साथ-साथ तुकाराम गाथा जलानेवालोंपरभी कार्यवाही हो, इसके लिए, निरंतर प्रयास करते रहेंगे ।
स्त्रोत – दैनिक सनातन प्रभात