सोशल मीडिया पर ‘सनबर्न क्लासिक’ को दी गई अनुमति को निरस्त किए जाने के संदर्भ में पोस्ट प्रसारित हो रही है !; एक नागरिक ने इस पोस्ट पर आपत्ति जताते हुए निम्नलिखित सूत्र रखें –
१. सनबर्न क्लासिक महोत्सव को निरस्त क्यों करें ? क्या गोवा में यही एक महोत्सव हो रहा है ? सैनिक वीरगति को प्राप्त हुए हैं; इसलिए क्या हमने दूरचित्रवाणी देखना बंद किया है ? (दूरचित्रवाणी देखना बंद नहीं किया गया हो, तो बंद कर देना चाहिए, अन्यथा ‘रोम जब जल रहा था तब नीरो फिडल बजा रहा था’, इस कहावत के अनुसार स्थिति होगी ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
२. सनबर्न क्लासिक महोत्सव में भले ही मदिरासेवन और मादक पदार्थों का सेवन होने का आरोप लग रहा हो; किंतु आतंकी आक्रमण से उसका कोई संबंध नहीं है ! (ऐसा कहनेवाले सैनिकों के प्रति कितने कृतघ्न हैं, यह दिखाई देता है ! ऐसे कृतघ्न लोगों के कारण ही आज देश और अधिक संकट में है ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात) संबंधित लोगों को उसका मलीदा मिल जाने पर, तो वह होना ही है ! (यह जो मलीदा मिलता है, उसके कारण ही देशद्रोह होता है। व्यक्तिगत स्वार्थ के सामने देश और संस्कृति को ही मिटाया जा रहा है। इसलिए उसका विरोध तो होना ही चाहिए, अन्यथा अगली पीढी की होनेवाली क्षति के लिए आज की यह पीढी उत्तरदायी होगी और उसका पाप भी लगेगा ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
३. सनबर्न क्लासिक महोत्सव के कारण संस्कृति नष्ट होने का आरोप लगाया जाता है; किंतु जहां ४५० वर्षों के पोर्तुगीज कार्यकाल में हमारी संस्कृति मिट नहीं सकी, वह केवल ३ दिनों में ही कैसी मिटेगी ? (पोर्तुगीज कार्यकाल में भी हमारी संस्कृति टिकी रही; क्योंकि हमारे पूर्वज कट्टर धर्माभिमानी थे। आज के हिन्दू मेकॉलेप्रणित शिक्षाप्रणाली के कारण पहले से ही अंग्रेज बन गए हैं। वे दिनांक के अनुसार जन्मदिवस मनाते हैं और केक काटते हैं। आज धर्माभिमान तनिक भी शेष नहीं बचा है और उसमें अब उनके सामने यदि मदिरापान और मादक पदार्थों का आदर्श हो, तो हमारी संस्कृति कैसे टिक पाएगी ? – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)\
संदर्भ : दैनिक सनातन प्रभात