भोपाल : सिमी आतंकियों के खिलाफ मामलों की सुनवाई के लिए गठित विशेष न्यायालय ने पुलिस पर जानलेवा हमला करने वाले और आतंकी घटनाओं को अंजाम के लिए उम्र कैद की सजा सुनाई है। गुरुवार को हुई सुनवाई के दौरान न्यायालय ने चार अलग-अलग धाराओं में ५ आतंकियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इसके अलावा चार मामलों में २-२ हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया।
क्या है पूरा मामला ?
उल्लेखनीय है कि एटीएस पुलिस की २४ दिसंबर २०१३ की सुबह सेंधवा में सिमी आतंकियों से मुठभेड हुई थी। इस दौरान सिमी सरगना अबु फैजल और इरफान नागौरी को गिरफ्तार किया गया था। एटसीएस की पूछताछ में इस बात की जानकारी भी मिली थी कि सादिक और उमेर द्वारा उज्जैन में सहयोगी आतंकी जावेद नागौरी, मो. आदिल, अजीज उर्फ अज्जू, अब्दुल वाहिद, गुड्डु उर्फ साजिद को गोला बारूद, हथियार और कारतूस पहुंचाए जाते है।
उज्जैन में सहयोगी के साथ मीटिंग
जांच में इस बात का खुलासा भी हुआ था कि उज्जैन में उनके सहयोगी आतंकी मीटिंग का स्थान उपलब्ध कराने से लेकर हथियारों और विस्फोटकों को रखने का स्थान में भी उपलब्ध कराते हैं। सिमी के आतंकियों को जब भी किसी घटना को अंजाम देना होता है तो वह उज्जैन में सक्रिय साथियों से सभी चीजें उपलब्ध करवा लेते हैं।
क्या है सिमी ?
बता दें कि स्टुडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ़ इंडिया (सिमी) एक प्रतिबंधित संगठन है। माना जाता है कि इस संगठन का गठन १९७७ को अलीगढ, उत्तर प्रदेश में हुआ था। सिमी आतंकवादी गतिविधियों से जुडा हुआ है। इसलिए इसको पूरे भारत में प्रतिबंधित किया गया है।
स्त्रोत : झी न्युज