वर्धा (महाराष्ट्र) में ‘राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन’ !
वर्धा : कर्नाटक और मध्य प्रदेश के हिन्दू नेताओं पर किए जा रहे आक्रमण और उनकी हो रही अमानवीय हत्याओं की जांच केंद्रीय अन्वेषण विभाग को सौंपी जाए, साथ ही देशांतर्गत बढ रहे आतंकवाद का मूल स्रोत बने मदरसें एवं आतंकी कृत्य करनेवाले संगठन पॉप्युलर फ्रंट ऑफ इंडिया पर तत्काल प्रतिबंध लगाया जाए; इन मांगों को लेकर हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से २६ फरवरी को वर्धा के विकास भवन के सामने राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन किया गया। उसके पश्चात उपजिलाधिकारी के माध्यम से केंद्र शासन को मांगों का ज्ञापन प्रस्तुत किया गया। इस आंदोलन में समिति के कार्यकर्ता बडी संख्या में उपस्थित थे।
इस ज्ञापन में कहा गया है कि,
गणतंत्र दिवस के अवसर पर देश में आतंकी कृत्यों को अंजाम देने की सिद्धता में है ऐसे संदेह से जनवरी मास में मुंबई आतंकवाद विरोधी दल ने मुंबई और संभाजीनगर (औरंगाबाद) से ९ लोगों को अधिकार में लिया गया। कुछ दिन पहले उत्तर प्रदेश और राजस्थान इन राज्यों में भी वहां के पुलिस प्रशासन ने ऐसी ही कार्रवाई की है। पकडे गए आरोपियों में से मुख्य आरोपी को एक मदरसे से पकडा गया, तो एक आरोपी का संबंध पॉप्युलर फ्रंट ऑफ इंडिया से है। केवल संदिग्धों को पकडने जैसे उपरी उपाय न कर देश में बढ रही धर्मांध एवं देशविघातक प्रवृत्ति के निर्माण का मूल स्रोत खोज कर उसे रोकना अनिवार्य है। कुछ दिन पूर्व शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी ने देश के मदरसों में आतंकवाद की शिक्षा दिए जाने की खुलेपन से बात की थी और मदरसों पर प्रतिबंध लगाने की बात कही थी; उन्होंने प्रधानमंत्री को पत्र लिख कर मदरसों पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी। मुंबई पर हुए आतंकी आक्रमण के पश्चात संयुक्त राष्ट्रसंघ में पाकिस्तान के तत्कालीन प्रतिनिधी अब्दुल्ला हुसैन हारून ने भी पाकिस्तान में चल रही आतंकवादी गतिविधियों के लिए भारत के देवबंद मदरसों के आतंकियों का निर्यात किए जाने की बात कही थी।
इस ज्ञापन में आगे कहा गया है कि, विशेष कर दक्षिण भारत के केरल, तमिलनाडू और कर्नाटक इन राज्यों में हिन्दू नेताओं की हत्याओं की घटनाएं अधिक होती हैं। अब ऐसी घटनाएं मध्य प्रदेश में भी हो रही है। मध्य प्रदेश में पिछले केवल २ दिनों में ४ हिन्दुत्वनिष्ठों की हत्याएं की गईं। विविध अन्वेषण विभागों को अबतक की गई हत्याओं के अपराधी कौन हैं, यह ज्ञात होते हुए भी संबंधित राज्य सरकारों की ओर से इन हत्याओं के प्रकरणों में कार्रवाई हो रही है ऐसा नहीं दिखता। अतः ये हत्या करनेवाले धर्मांध, उनसे हत्याएं करवानेवाले सूत्रधार और इन हत्याओं के प्रकरणों को दबानेवालों को खोजकर उनके विरोध में कार्रवाई की जाए; इसके लिए इन प्रकरणों की जांच को केंद्रीय अन्वेषण विभाग को सौंपा दी जाना अनिवार्य बन गया है !
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात