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प.पू. गुरुदेवजी को मेरा प्रणाम कहिए ! आश्रम अवलोकन के लिए अवश्य आएंगे ! – प.पू. साध्वी ऋतंभरादेवीजी

चिपळूण (महाराष्ट्र) में संत ज्ञानेश्‍वर माऊली जीवन मुक्ति सेवा संस्थान संचालित गोशाला की ओर से आयोजित विश्‍वकल्याण महोत्सव !

  • हिन्दू जनजागृति समिति के कार्यकर्ताओं ने ली प.पू. साध्वी ऋतंभरादेवीजी से भेंट

प.पू. साध्वीजी को हिन्दू जनजागृति समिति के कार्य की जानकारी देते हुए डॉ. हेमंत चाळके एवं श्री. ज्ञानदेव पाटिल

चिपळूण (जिला रत्नागिरी) : हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से यहां चल रहे विश्‍वकल्याण महोत्सव के उपलक्ष्य में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह के लिए पधारीं हुई प.पू. साध्वी ऋतंभरादेवीजी से भेंट ली गई।

समिति की डॉ. हेमंत चाळके ने प.पू. साध्वीजी को समिति की ओर से चल रहे हिन्दू राष्ट्र स्थापना के कार्य की विस्तृत जानकारी दी। तब प.पू. साध्वी ऋतंभरादेवीजी ने कहा कि, ‘यह कार्य बहुत अच्छा है। प.पू. गुरुदेवजी को मेरा प्रणाम कहिए और मैं निश्‍चितरूप से आश्रम अवलोकन के लिए आऊंगी !’

इस समय उन्होंने समिति की जानकारी पुस्तिका, साथ ही दैनिक सनातन प्रभात में प्रकाशित उनके प्रवचन का समाचार देखा। हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से श्रीमती दर्शना गायकर ने प.पू. साध्वी ऋतंभरादेवीजी को पुष्पहार समर्पित कर सम्मानित किया। प.पू. साध्वीजी ने उपस्थित समिति के कार्यकर्ता एवं सनातन के साधकों को अपने हाथों से प्रसाद दिया।

इस अवसर पर सनातन संस्था के श्री. ज्ञानदेव पाटिल एवं समिति के श्री. प्रथमेश शिंदे उपस्थित थे।

प.पू. साध्वी ऋतंभरादेवीजीद्वारा की जानेवाली नित्य पूजा-अर्चना में विद्यमान देवताएं

साध्वी ऋतंभरादेवीजीद्वारा की जानेवाली नित्य पूजा-अर्चना में गोपालकृष्ण, देवी की प्रतिमा और पारे से बने शिवलिंग अंतर्भूत हैं। पारे से बने शिवलिंग में स्थित पारा इतना गाढा है, जो अन्यत्र कहीं देखने के लिए नहीं मिलता। साध्वीजी के सेवादारों ने बताया कि इस शिवलिंग के दर्शन से सहस्र शिवलिंगों के दर्शन का लाभ मिलता है। (इस शिवलिंग को एक कड़ी में दिखाया गया है।)

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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