पुलिस प्रशासन की असंतोषजनक कार्यवाही के प्रति क्षोभ !
जळगाव : महाराष्ट्र में गोवंशहत्याबंदी विधि लागू होते हुए भी जळगाव जनपद के यावल तहसील में चल रही गोहत्या और गोवंश की तस्करी को तुरंत रोकने की मांग को लेकर हिन्दू जनजागृति समिति एवं समस्त हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों की ओर से जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा गया । यावल के तहसीलदार श्री. पवार के माध्यम से जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा गया ।
यावल तहसील में खुलेआम अवैधरूप से गोवंश की हत्या की जा रही है । विगत कुछ मासों में गोवंश तस्करी की घटनाएं भी बढी हैं । इन सभी घटनाआें में पुलिस प्रशासन से आवश्यक सहायता नहीं मिलती । ९ मार्च २०१९ को कुछ जागृत युवकों ने गोवंश की अवैधरूप से यातायात कर रही एक गाडी को रोका और उनसे गोवंश के लिए आवश्यक कागदपत्रों की मांग की । उनके पास कागदपत्र न होने से इन युवकों ने उस गाडी को पुलिस थाने में ले जाने के लिए कहा । तब गाडी के साथ आए कुछ युवकों ने इन धर्मप्रेमी युवकों से विवाद करना आरंभ किया । उसके पश्चात कुछ पुलिसकर्मी घटनास्थलपर पहुंचे और उन सभी को पुलिस थाने आने के लिए कहा । पुलिस थाने जाते समय बीच में ही मंडी के कारण उमडी भीड का लाभ उठाकर गोवंश लेकर जानेवाले लोग गाडी लेकर वहां से भाग निकले । उसपर पुलिस प्रशासन ने किसी भी प्रकार की आपत्ति नहीं दर्शाई; किंतु इसके विपरीत इस गाडी को रोकनेवाले एक युवक के विरुद्ध ही दंगा करवाने का अपराध प्रविष्ट किया । अनेक समाचारपत्रों में इस घटना के समाचार प्रकाशित हुए हैं । पुलिस प्रशासन का यह कृत्य संदेह उत्पन्न करनेवाला है । इस ज्ञापन में इन पुलिसकर्मियों ने गोवंश की यातायात करनेवाले वाहन को कागदपत्रों की पडताल के बिना कैसे छोड दिया ?, क्या इस प्रकरण में पुलिस प्रशासन किसी के दबाव में आकर काम कर रहा है ? अथवा क्या पुलिस प्रशासन के कुछ अधिकारियों की गोतस्करों की किसी प्रकार की सांठगांठ है ?, ये प्रश्न उपस्थित किए गए हैं ।
ज्ञापन में की गई मांगें
- यावल तहसील में चलाए जा रहे अवैध पशुवधगृहों को तत्काल बंद किया जाए, साथ ही अवैधरूप से हो रही गोवंश की हत्या रोकी जाए । गोवंश हत्या करनेवालों के विरुद्ध कठोर से कठोर कार्यवाही की जाए ।
- यावल तहसील में हो रही गोवंश की तस्करी को रोका जाए, साथ ही गोवंश तस्करों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही की जाए ।
- ९ मार्च की घटना में लापता गाडी का मालिक और संबंधित अन्यों की जांच कर उनके विरुद्ध कार्यवाही की जाए ।
- इस प्रकरण में कर्तव्य का निर्वहन न करनेवाले पुलिसकर्मियों के विरुद्ध कार्यवाही की जाए ।
पुलिस निरीक्षक का उद्दंडतापूर्ण व्यवहार !
पुलिस थाने में सर्वदलीय कार्यकर्ताआें द्वारा ज्ञापन सौंपे जाते समय वहां यावल के पुलिस निरीक्षक आ गए । उन्होंने कार्यकर्ताआें से उद्दंडतापूर्वक भाषा में कहा, ‘‘मैने स्वयं उन वाहनों की पडताल की है । मेरे द्वारा की गई कार्यवाही उचित ही है ।’’ तब कार्यकर्ताआें ने उनसे प्रतिप्रश्न किया, ‘‘आपने जिन २ युवकों के विरुद्ध अपराध प्रविष्ट किए हैं, वे २ युवक एक-दूसरे को पहचानते भी नहीं; इसलिए आपकी यह कार्यवाही अन्यायपूर्ण है । तो आप उनके विरुद्ध किसलिए अपराध प्रविष्ट कर रह रहे हैं ?’’ पुलिस प्रशासन ने अपनी प्राथमिकी में गोवंश की अवैध यातायात के संदर्भ में प्रविष्टि न कर २ युवकों में विवाद होने का उल्लेख किया था ।
तहसीलदार ने संपर्क क्रमांक उपलब्ध कराने का दिया आश्वासन !
इसके पश्चात हिन्दुत्वनिष्ठों ने तहसीलदार श्री. जितेंद्र कुवर से भेंट की । तब श्री. कुवर ने कहा, ‘‘इसके आगे ऐसी कोई घटना होती है, तो ऐसी स्थिति में आप को किस से संपर्क करना है, इस विषय में मैं पुलिस प्रशासन से बात कर आपको संपर्क क्रमांक दूंगा ।’’