ईरान की प्रसिध्द वकील को सात अलग-अलग मामलों में ३३ साल की जेल और १४८ कोडे लगाने की सजा मिली है। अंतरराष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त मानवाधिकार वकील नसरीन सोतेदेह को सोमवार को यह सजा सुनाई गई। नसरीन पहले ही एक मामले में ५ साल की सजा काट रही हैं। इस तरह जेल की कुल सजा ३८ साल हो गई है। नसरीन को यह सजा ईरान में विपक्षी कार्यकर्ताओं का केस लडने के आरोप में मिली है। इससे पहले ५५ वर्षीय नसरीन ने इस्लामिक रिपब्लिक की आेर से महिलाओं के लिए बुर्का अनिवार्य किए जाने का विरोध करने वाली महिलाओं का केस लडा था।
इन महिलाओं ने बिना सिर ढंके अपना वीडियो बनाकर उसे सोशल मीडिया पर डाला था। नसरीन के वकील ने कहा कि उनके मुवक्किल को पिछले साल जून में गिरफ्तार किया गया था। नसरीन पर जासूसी, दुष्प्रचार करने और ईरान के शीर्ष नेतृत्व का अपमान करने का आरोप लगाया गया। इससे पहले साल २०१० में नसरीन को दुष्प्रचार करने और देश की सुरक्षा को खतरे में डालने के आरोप में जेल भेजा गया था। हालांकि नसरीन ने इन आरोपों से इनकार किया था। छह साल की सजा काटने के बाद उन्हें रिहा कर दिया गया था।
आधिकारिक इस्लामिक रिपब्लिक न्यूज एजेंसी ने खबर दी कि तेहरान के रेवोल्यूशनरी कोर्ट के जज मोहम्मद मोकिश ने सोमवार को कहा कि पांच साल की सजा राष्ट्रीय सुरक्षा के खिलाफ एकजुट होने और दो साल की सजा ईरान के शीर्ष नेता अयातुल्ला अली खामैनी का अपमान करने के अपराध में मिली है। नसरीन के पति रेजा खानदन ने फेसबुक पर लिखा कि जेल की सजा और १४८ कोडों की सजा बहुत कडी है। उन्होंने लिखा कि नई सजा को मिलाकर सात अलग-अलग मामलों ३८ साल की सजा मिल चुकी है।
इससे पहले नसरीन को साल २००९ में व्यापक प्रदर्शन करने वाले लोगों का केस लडने के बाद तीन साल जेल में गुजारने पडे थे। प्रदर्शनकारी अति कट्टरपंथी राष्ट्रपति मोहम्मद अहमदीनेजाद के फिर से निर्वाचित होने का विरोध कर रहे थे। ईरान में मानवाधिकार पर संयुक्त राष्ट्र के जांचकर्ता जाविद रहमान ने सोमवार को जेनेवा में नसरीन का मामला उठाया । रहमान ने गिरफ्तारी, सजा, अनुचित व्यवहार के गलत तरीकों पर चिंता व्यक्त की थी। नसरीन को कई बडे-बडे मामलों की पैरवी करने के कारण यूरोपीय संसद साल २०१२ में सखारोव मानवाधिकार पुरस्कार से सम्मानित कर चुकी है।
स्त्रोत : जनसत्ता