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स्वयं की रक्षा हेतु स्वरक्षा प्रशिक्षण लेना अतिआवश्यक ! – श्रीमती उज्ज्वला गावडे

शौर्य जागरण सम्मेलन में दीपप्रज्वलन करती हुईं बाईं ओर से श्रीमती उज्ज्वला गावडे एवं श्रीमती नंदा येळवी

धामणे (जनपद बेलगांव, कर्नाटक) : भारतीय संस्कृति में महिलाआें को सम्मान का स्थान है; किंतु आजकल बलात्कार, पारिवारीक उत्पीडन के साथ युवतियां और विवाहित महिलाएं भी लव जिहाद जैसे महाभयानक षड्यंत्र की बलि चढ रही हैं । हिन्दू महिलाएं धर्माचरण से दूर जा रही हैं; इसी कारण महिलाआें द्वारा स्वैराचार और मादक पदार्थों की अनेक घटनाएं हो रही हैं । एक ओर देश के रक्षा क्षेत्र में महिलाएं नई-नई उडानें भर रही हैं, तो दूसरी ओर महिलाआें के साथ हो रहे अत्याचार की घटनाआें में बढोतरी हो रही है । इसके लिए अब प्रत्येक महिला को स्वयं की रक्षा हेतु स्वरक्षा प्रशिक्षण लेना अति आवश्यक है । रणरागिनी शाखा की श्रीमती उज्ज्वला गावडे ने यह मार्गदर्शन किया । ८ मार्च को विश्‍व महिला दिवस के उपलक्ष्य में धामणे गांव के बसवन्ना गली में हिन्दू जनजागृति समितिप्रणीत रणरागिनी शाखा की ओर से आयोजित शौर्यजागरण सभा में वे ऐसा बोल रही थीं ।

इस अवसरपर सामाजिक कार्यकर्त्री श्रीमती नंदा येळवी ने भी अपना मनोगत व्यक्त किया । इस अवसरपर स्वरक्षा प्रदर्शन प्रस्तुत किए गए । १८० से भी अधिक महिलाआें ने इस सभा का लाभ उठाया । इस सभा में बलभीम मंडल के कार्यकर्ता भी उपस्थित थे । श्री. भुजंग चव्हाण ने सभा का सूत्रसंचालन किया ।

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