संयुक्त राष्ट्र : पाकिस्तान से संचालित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) द्वारा वैश्विक आतंकवादी के तौर पर चिह्नित किए जाने के प्रस्ताव पर बुधवार को फिर से कोई फैसला नहीं हो सका। चीन ने पाकिस्तान से दोस्ती निभाते हुए चौथी बार अडंगा लगा दिया। चीन ने अपने वीटो का इस्तेमाल करते हुए इस प्रस्ताव को रद्द करवा दिया। सबकी नजरें चीन पर थीं क्योंकि वह २००९ के बाद से तीन बार अडंगा डाल चुका था। पुलवामा हमले के बाद, अजहर को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की १२६७ अलकायदा प्रतिबंध समिति के तहत प्रतिबंधित करने का प्रस्ताव फ्रांस, ब्रिटेन एवं अमेरिका की ओर से २७ फरवरी को रखा गया था।
फ्रांस, ब्रिटेन और अमेरिका द्वारा लाए गए आपत्ति उठाने के लिए १० कार्यदिवस का समय था। यह अवधि बुधवार दोपहर (न्यूयार्क के समयानुसार) तीन बजे (भारतीय समयानुसार साढ़े १२ बजे रात बृहस्पतिवार) खत्म हो रही थी। समिति अपने सदस्यों की सर्वसम्मति से फैसले लेती है। उधर संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने ट्वीट करके कहा कि, हम तमाम छोटे-बडे देशों के आभारी हैं जिन्होंने भारत का समर्थन किया।
पिछले १० साल में किया गया था चौथा प्रयास
मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करवाने का यह पिछले १० साल में किया गया चौथा प्रयास था परंतु चीन द्वारा वीटो का इस्तेमाल किए जाने के कारण सफलता नहीं मिली। हालांकि इस बार कई देशों ने भारत का साथ दिया परंतु चीन अपनी हरकत से बाज नहीं आया। पुलवामा में आतंकी हमले के बाद भारत ने इस्लामाबाद के खिलाफ कूटनीतिक अभियान तेज करते हुए २५ देशों के दूतों को इस बारे में अवगत कराया था।
भारत ने २००९ में मसूद अजहर पर प्रतिबंध लगाने संबंधी प्रस्ताव पेश किया था। इसके बाद २०१६ में भारत ने इस संबंध में पी३ देशों यानी अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस के साथ मिल कर संयुक्त राष्ट्र की १२६७ सदस्यीय प्रतिबंध समिति के समक्ष मसूद अजहर पर प्रतिबंध लगाने संबंधी प्रस्ताव पेश किया था।
इसके बाद २०१७ में भारत ने पी३ देशों के साथ इसी प्रकार का प्रस्ताव फिर से पेश किया परंतु सभी मौकों पर वीटो का अधिकार रखने वाले सुरक्षा परिषद के स्थाई सदस्य चीन ने अपने अधिकार का इस्तेमाल करके इसमें अडंगा डाला। दरअसल चीन पाकिस्तान का बेहद करीबी मुल्क है, और वह पहले भारत फिर अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस के प्रस्ताव पर तकनीकी रोडे अटका चुका है। सब की निगाहें अब इस ओर लगी थी कि इस प्रस्ताव पर चीन इस बार क्या रुख अपनाता है।
जानिए, मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित किए जाने पर क्या होता असर
अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र में एक नया प्रस्ताव पेश किया था। वैश्विक आतंकवादी की सूची में नाम आने से मसूद पर वैश्विक यात्रा प्रतिबंध लग जाता। साथ ही उसकी संपत्ति जब्त हो जाती।
१५ सदस्यीय सुरक्षा परिषद में वीटो के अधिकार वाले तीन देशों ने बुधवार को यह नया प्रस्ताव पेश किया था। मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित कराने के लिए पिछले १० वर्षों में संयुक्त राष्ट्र में यह चौथा ऐसा प्रयास था।
स्त्रोत : झी न्युज